स्‍वसहायता समूह से जुडकर आर्थिक स्‍वालम्‍बन की और अग्रसर है ग्राम कानका की महिलाए

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स्‍वसहायता समूह से जुडकर आर्थिक स्‍वालम्‍बन की और अग्रसर है ग्राम कानका की महिलाए

नीमच जिले के जावद विकासखण्‍ड के छोटे से गांव कानका की महिलाए स्‍वसहायता से जुडकर आर्थिक स्‍वालम्‍बन की और अग्रसर है ।इस गांव की जनसख्‍या 1300 है गांव में 219 परिवार निवासरत है। पहले इस ग्राम में कोई स्‍वसहायता समूह नही था ।म.प्र. डे. राज्‍य ग्रामीण आजीविका मिशन ने वर्ष 2022 में ग्राम की महिलाओं को जागरूक कर उन्‍हे समूह के रूप में संगठित किया। परिणामस्‍वरूप आज ग्राम कानका में 9 महिला स्‍वसहायता समूह संचालित है । समूह की सदस्‍य श्रीमती पदमा राठौर की मदद से भारतीय स्‍टेंट बैक नयागांव के माध्‍यम से ग्राम के सभी 9 स्‍वसहायता समूह की महिलाओं को 63 लाख रूपए की राशि दिलवाई गई है। समूह की महिलाओं को लाड़ली बहना,ड्रोन पायलट प्रशिक्षण एवं अन्‍य क्षमतावर्धन गतिविधियों का लाभ भी दिलवाया गया है ।
राधे-राधे आजीविका समूह कानका की सदस्‍य श्रीमती पदमा राठौर ने आरसेटी के माध्‍यम से दो माह का ब्‍यूटीपार्लर प्रशिक्षण प्राप्‍त कर अपना स्‍वय का रोजगार प्रारंभ किया जिससे उन्‍हे प्रतिदिन 300 से 400 रूपये की आय प्राप्‍त हो रही है । अब ग्राम दामोदरपुरा , केशरपुरा,एवं कानका में महिलाओं को उनके घर पर शादी- विवाह में श्रृंगार की साम्रगी उपलब्‍ध हो रही है। श्रीमती पदमा राठौर ने ब्‍यूटी पार्लर के साथ ही अपने घर पर मनिहारी की टु‍कान भी संचालित की है । इससे ग्रामीण महिलाओं को काफी सुविधा हुई है । ग्राम की महिलाए श्रीमती राठौर से स्‍वरोजगार के लिए प्रेरित हो रही है ।ग्राम कानका में गठित स्‍वसहायता समूह की महिला सदस्‍यों द्वारा बैंक से प्राप्‍त राशि 63 लाख रूपए का उपयोग खेती, पशुपालन, शिक्षा , स्‍वास्‍थ्‍य के अलावा अन्‍य आर्थिक गतिविधियों में किया जा रहा है । इस छोटे से गांव में ग्रामीण आजीविका मिशन से जुडकर महिलाए साड़ी व्‍यवसाय की पांच दुकाने ,किराने की तीन दुकाने संचालित कर आर्थिक रूप से आत्‍मनिर्भर हो रही है। साथ ही बकरीपालन , गाय , भैस पालन , मुगी पालन, गतिविधियों को भी बढावा दे रही है। समूह की महिलाए प्रति माह 15 से 16 हजार रूपये की आय प्राप्‍त कर रही है ।
इस तरह अपने हुनर से हौसलों की उडान भरकर ग्राम कानका की महिलाए आर्थिक स्‍वालम्‍बन की ओर अपने कदम निरंतर बढा रही है और वे महिला सशक्तिकरण का उदाहरण बन गई है।

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