हमें अच्छी संगत वाले मित्र से मित्रता रखनी चाहिए – प.पू.निरागरत्न विजय जी म.सा.
चीताखेड़ा – जैसी संगत वैसी रंगत। पाप कर्म करने वाले कुछ लोग पाप को ही पुण्य समझते हैं, ऐसे मित्रों से कभी मित्रता नहीं बनानी चाहिए। जो मित्र माली की तरह समय पर फसलों को खाद, पानी देकर एवं नुकसानकारी तत्वों से फसलों की रक्षा करता है। पाप को पाप और पुण्य कर्म को पुण्य मानता है ऐसे विचार धाराओं के व्यक्ति से मित्रता रखनी चाहिए।
उक्त वाणी परम पूज्य पंन्यास परम पूज्य निरागरत्न सूरीश्वर विजय जी म.सा.ने मंगलवार को चीताखेड़ा में पंन्यास भगवंत की प्रथम पंन्यास पद दिवस के उपलक्ष्य में गुरुगुण सभा एवं गुरु गुण गौरव मनाया गया जिसमें बड़ी संख्या में उपस्थित जैन अनुयायियों को प्रवाहित करते हुए कही। पूज्य पंन्यास गुरुदेव ने मकर संक्रांति पर्व पर दान और गौसेवा के महत्व को समझाते हुए कहा कि गौसेवा तो प्रतिदिन करनी चाहिए और दान-पुण्य से बड़ा कोई धर्म नहीं है। इस मौके पर उपस्थित जैन अनुयायियों को मकरसंक्रांति पर्व के महत्व को समझाया। मकरसंक्रांति पर गौमाता को तिल, और गुड़ खिलाना चाहिए। जो व्यक्ति यह कार्य करता है वो बड़ा ही पुण्य शाली है। सोमवार को प्रातः परमोपकारी गुरुदेव आचार्य भगवंत निपुण रत्न सूरीश्वर म.सा.के शिष्य रत्न पंन्यास पूज्य निरागरत्न सूरीश्वर विजय म.सा.एवं चीताखेड़ा जैन समाज के कुल दीपक मुनि श्री एकाग्र रत्न सूरीश्वर विजय म.सा.की पावन पधरामणी हुई। परम पूज्य गुरुदेव को प्रकाश चन्द्र -शेषमल महात्मा की ओर से कामली ओढाई गई। मकरसंक्रांति पर्व पर ढोल ढमाकों के साथ परम पूज्य म.सा. चीताखेड़ा गौशाला गए साथ ही जैन श्रावक श्राविकाएं भी बड़ी संख्या में पहुंचकर गौमाता को गुड़, रोटी और हरी घास खिलाई गई वहीं इस दौरान गौशाला में 4 घंटे पूर्व जन्मे गाय के बछड़े को मांगलिक सुनाया और वास्केप डाला गया। कार्यक्रम के अंत में प्रकाश चन्द्र महात्मा और शेलेन्द्र कुमार सगरावत की ओर से प्रभावना वितरण की गई। आज दिवस 15 जनवरी 2025 बुधवार को प्रातः गुरु भगवंत जीरन के लिए विहार करेंगे एवं 16 जनवरी गुरुवार को को जीरन से बामोरा विहार करेंगे।