जल जीवन मिशन से खुश है मेघपुरा के ग्रामीण, मिल रहा है पर्याप्‍त पेयजल

Shares

जल जीवन मिशन से खुश है मेघपुरा के ग्रामीण, मिल रहा है पर्याप्‍त पेयजल

नीमच – गम्भीरी नदी के किनारे एक गाँव बसा है मेघपुरा। मेघपुरा नीमच जिले के जावद विकासखण्ड की गुजरखेड़ी साँखला ग्राम पंचायत का गाँव है, किन्तु भौगोलिक और सांस्कृतिक दृष्टि से यह गाँव राजस्थानी संस्कृति से ओतप्रोत है।गाँव के समीप बहने वाली गम्भीरी नदी का एक हिस्सा मध्यप्रदेश का है, तो दूसरा राजस्थान का। यह नदी दोनों राज्यों की सीमाओं का विभाजन  करती हैं।कालान्तर में मेवाड़ राज्य का हिस्सा रहे इस अंचल में राजस्थानी भाषा और वेशभूषा का प्रभाव स्पष्ट झलकता हैं।

           लगभग 1185 की जनसंख्या वाले मेघपुरा में 252 के लगभग मकान है, जहाँ विभिन्न जातियों के लोग निवास करते है। नीमच जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित इस गाँव के लिए अठाना से गोठा जाने वाले मार्ग पर चार खम्भा चौराहे से दक्षिण दिशा में एक रास्ता जा रहा है, जिस पर कोई दो किलोमीटर चलकर पहुँचा जा सकता है। मेघपुरा विकासखण्ड  मुख्यालय जावद से लगभग 16 किलोमीटर दूर है। मेघपुरावासियों के सामने पीने के पानी को लेकर बड़ी चुनौती थी।  एक समय था, जब पीने का पानी दूर-दूर स्थित खेत के कुओं से लाना पड़ता था। पुरुष वर्ग साईकिलों पर डिब्बे बांधकर पानी लाते थे, वहीं महिलाएं  भी पानी के लिए बड़ा संघर्ष करती थीं। यूँ  कहे, कि वे एक तरह से कठिनाइयों और चुनौतीपूर्ण स्थिति में जीवन यापन करती थीं। मगर अब उनके अच्छे दिन आ गए है। यहाँ बनी नल जल योजना ग्रामीणजनों के लिए वरदान साबित हुई और पीने के पानी को लेकर वे आत्मनिर्भर होकर अब सुकुन की जिन्दगी जीने लगे हैं।

              जल जीवन मिशन के तहत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने मेघपुरा में 71. 25 लाख रुपयों की लागत से रेट्रोफिटिंग योजना बनाई जिसके तहत अगस्त 2021 में कार्य प्रारम्भ करके निर्धारित समयावधि में पूर्ण कर-“जल से वंचित नहीं रहेगा अब कोई घर-परिवार, जल जीवन मिशन पहुंचाएगा नल से जल, सबके द्वार” की परिकल्पना को साकार करते हुए लगभग 252 घरों में नल कनेक्शन देकर लोगों की प्यास बुझाई है। अब ग्रामीणों को नल से शुद्ध जल मिल रहा है। 

       योजना का  संक्षिप्त विवरण देते हुए कार्यपालन यंत्री श्री एस.सी.जनोलिया ने बताया, कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने मेघपुरा में पेयजल स्त्रोत के तहत एक नवीन नलकूप खनन करवाया, जिसमें पर्याप्त पानी है।

       उसी नलकूप से गाँव की योजना बनाई गई। योजना में एक नलकूप और प्रस्तावित है। योजनाके तहत गाँव में 50 हज़ार लीटर क्षमता की एक उच्‍च स्तरीय टंकी का निर्माण किया गया है। इसी के साथ 20 हजार लीटर क्षमता का एक सम्पवेल भी बनाया है। 

योजना में 90 एम.एम.व्यास की 945 मीटर राइजिंग मेन लाइन डाली गई है। इसके अलावा गाँव में पानी वितरण के लिए 90 एम.एम.व्यास की 2400 मीटर एवं 110 एम.एम.व्यास की 966 मीटर पाइपलाइन डाली गई हैं। 

            चर्चा के दौरान गाँव की महिलाओं और पुरुषों ने एक स्वर में नल लग जाने पर ख़ुशी का इज़हार करते हुए सरकार के प्रति आभार प्रकट किया है। गाँव की इंद्राबाई पति अनिल पाण्डे ने बताया, कि मैं पिछले 40 वर्षों से यहाँ रह रही हूँ। यहाँ पानी की बड़ी समस्या थीं। दूर- दूर से पानी लाना पड़ता था क्योंकि कुँए या अन्य स्त्रोत गाँव से दूर है। इसलिए वहाँ तक जाना पड़ता था। इसे मज़बूरी कहे या जीवन की दिनचर्या का हिस्सा। पानी तो लाना ही पड़ता था। अब हमें आराम मिल गया है।

             गाँव की सुशीला बाई पति श्यामलाल कछावा ने पुराने दिनों का स्मरण करते हुए स्‍थानीय बोली में कहा कि पानी की तो –  “घणी परेशानी थीं, माथा पे बेवडा- बेवडा पाणी लाता था,पण अबै साता विगी”, अब हमारे घर में ही पानी मिल रहा है। इसी  बात को आगे बढ़ाते हुए टमूबाई पति छगनलाल कुशवाह, लक्ष्मीबाई पति गोरधन कुशवाह ने भी अपने-अपने घरों में नल कनेक्शन लगने से ख़ुशी ज़ाहिर की है। लालीबाई पति देवीलाल, चाँदीबाई पति गोपाल कुशवाह ने बताया कि अब हमारे जीवन में खुशियाँ आई और पीने के पानी के साथ ही घरों में ही ” नहाने-धोने ” का आराम हो गया है। निर्मला बाई पति भागूलाल कुशवाह और रोड़ीबाई पति श्यामलाल ने बताया कि पानी की पहले बहुत तकलीफ़ थी। कुओं-कुओं पर जाना पड़ता था। अब घर में नल है। रोज पानी मिल रहा है।             

      गाँव का ही घनश्याम कुशवाह यहाँ की पेयजल वितरण व्यवस्था का संचालन करता है। वह समय समय पर टंकी भरकर नलों के माध्यम से पानी सप्लाय करता है। लोगों को नल जल योजना को लेकर कोई शिकायत नहीं है। लोगों ने नल कनेक्शन होने से खुशियां मनाई है।

ये भी पढ़े – दुर्घटना में दुःखद निधन के बाद पिता द्वारा पुत्र के नाम फाउंडेशन, शुरुआत में किया वृक्षारोपण

Shares
WhatsApp Group Join Now

Leave a Comment