एक मात्र ऐसा गाव जहां मुक्तिधाम में शवयात्रा जाने के बाद भी नही मिल पा रहा मेहमानों ओर ग्रामीणों को सुकून
मोक्षद्वार के ग्राउंड में फैली कांटेदार झाड़ियां ओर पानी की व्यवस्था को लेकर ग्रामीणजन सहित मेहमान हुये चिंतित
मोड़ी :-बरसो से चली आ रही पुरानी परंपरा के अनुसार अमीर हो या चाहे गरीब भगवान ने सभी के मरने के बाद जाने का रास्ता सिर्फ एक ही बनाया है ।कोई भी व्यक्ति हो मेहनत करके चाहे दिन रात एक क्यो न करले लेकिन उसको सुकून ओर चेन की नींद उसके मरने के बाद मोक्षद्वार (मुक्तिधाम) में ही मिल पाती है । लेकिन एक तरफ देखा जाये तो ग्राम मोड़ी का मोक्षद्वार (मुक्तिधाम) का हाल भी बेहाल देखने को मिल रहा है ।यहाँ न कोई सुविधा और नही ग्राउंड में बैठने की सही तरीके से व्यवस्था ओर साथ ही मोक्षद्वार के बने ग्राउंड में भी चारो ओर फैली कांटेदार झाड़िया ही झाड़ियां ।जिससे ग्रामीणजन ओर शवयात्रा में आते बाहर से मेहमानों के लिए न कोई बैठने की व्यवस्था और नही पानी की सही से व्यवस्था होने के कारण लोग काफी परेशान होते नजर आते है। रहते है ।जिसकी व्यवस्था को लेकर ग्राम मोड़ी के जिम्मेदारों को इस ओर अवगत कराया जाता है कि अतिशीघ्र ही इस ओर ध्यान लगाकर मोक्षद्वार के ग्राउंग में साफ -सफाई एवं पानी की उच्च व्यवस्था करवाकर या पानी की बड़ी टँकी बनवाकर लोगो को पानी से निजात दिलानी चाहिए ताकि शवयात्रा में शामिल होकर आने वाले अंतिम संस्कार होने तक मोक्षद्वार (मुक्तिधाम ) में ग्रामीणजन ओर मेहमान कुछ देर आराम से बैठ सके ।ताकि उनको ग्राउंड में फैली हुई कांटेदार झाड़ियों एवं जहरीले जीव जंतुओ से निजात मिल सके ।
अंकित जैन मोड़ी
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