प्रतापगढ़ कलेक्टर मैडम की क्लास बोर्ड पर समझाया, कैसे सिकल सेल एनिमिया के वाहक और पॉजिटीव रोगी की पहचान होगी

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प्रतापगढ़ कलेक्टर मैडम की क्लास बोर्ड पर समझाया, कैसे सिकल सेल एनिमिया के वाहक और पॉजिटीव रोगी की पहचान होगी

विश्व सिकल सेल एनिमिया उन्मूलन दिवस पर कार्यक्रम आयोजित

प्रतापगढ़ – जिला कलक्टर डॉ राजोरिया बुधवार को मैडम की भूमिका में थी, स्टूडेण्ट चिकित्सा कर्मी थे। डॉ राजोरिया ने चॉक पकड़ी और मेंडल की अनुवांशिक थ्योरी कट्टम और जीरों (गए0) में समझा दिया। मकसद था, चिकित्सा कर्मियों को यह जानकारी देना कि सिकल सेल एनिमिया से ग्रसित व्यक्ति यदि शादी के बाद संतान पैदा करता है तो उसकी संतान में बीमारी की आशंका कितनी होगी। यह संयोग बना विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर। जो कि सीएमएचओ सभागार में आयोजित किया गया था। इसमें बतौर अध्यक्ष जिला कलक्टर डॉ अंजलि राजोरिया ने शिरकत किया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जीवराज मीणा ने जिला कलक्टर का स्वागत कर कार्यक्रम की शुरूआत की। सीएमएचओ डॉ मीणा ने सिकल सेल उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में चल रहें स्क्रीनिंग के बारे में जानकारी दी। सीएमएचओ ने बताया कि जिले में लगभग 4 लाख 70 हजार जनजातिय समुदाय के 0 से 40 आयु वर्ग के लोगों का स्क्रीनिंग और टेस्ट करने का लक्ष्य था, इस लक्ष्य के सापेक्ष 86 प्रतिशत आबादी की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। जिनमें 65 रोगी पॉजिटीव मिले है, जबकि 3103 कैरियर थे। इस अवसर पर जिला कलक्टर ने जागरूकता कार्यक्रम के जरिए स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ ही अभिभावकों की बीमारी के बारे में जागरूक करने के लिए समय समय पर अभियान चलाने के निर्देश दिए। कलक्टर ने चिकित्सा कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि इस बीमारी के अनुवांशिकी को आप बेहतर ढंग से समझ लेंगे तो परिजनों को काउसंलिंग करने में आसानी होगी। कार्यक्रम में आरसीएचओ डॉ जगदीप खराड़ी ने प्रजेंटेशन के जरिए सिकल सेल उन्मूलन के लिए सरकार की मंशा के बारे में जानकारी दी। इस अवसर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक वासुमित्र सोनी ने सिकल सेल उन्मूलन के लिए सुझाव दिए। कार्यक्रमें मीडिया बंधुओं के साथ ही चिकित्सा कमी मौजूद थे।
सिकल सेल टेस्ट रिपोर्ट कार्ड वितरित
कार्यक्रम में अचलावदा के सिकल सेल टेस्ट करवा चुके मां बाड़ी केंद्र के पांच बच्चों को मौके पर ही प्लास्टिक रिजल्ट कार्ड भेंट किए गए। इस अवसर जिला कलक्टर ने बच्चों से कहानियां और कविताओं पूछी, जिसका जवाब बच्चों ने अपने शार्मिले स्वभाव में दिया।
सुझाव दिया, शादी से पहले मेडिकल टेस्ट जरूरी
जागरूकता कार्यक्रम में सभागार में मीडिया कर्मियों द्वारा जागरूकता गतिविधियों को स्थानीय भाषा में प्रचारित प्रसारित करने का सुझाव दिया। इस अवसर पर जिला कलक्टर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि बड़े शहरों मंे कई प्रकार की अनुवांशिक बीमारियों से अगली पीढ़ी को बचाने के लिए मेडिकल टेस्ट करवा रहें है। इसको अब सभी को अपनाने की जरूरत है। ताकि भविष्य की संभावित बीमारियों से जागरूक हुआ जा सकें।
एक नजर में अभियानः-
कुल लक्ष्य 470368
कुल स्क्रीनिंग 402375
कैरियर-3103
पॉजिटीव-65
कुल कार्ड वितरण-62194

ब्यूरो चीफ अनिल जटिया

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