डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत राजीविका के क्लस्टर कार्मिकों को डिजिटल सशक्तिकरण और साइबर जागरूकता का प्रशिक्षण
भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन (NeGD) ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम शुरू किया है, जिसका उद्देश्य भारत में समाज को डिजिटली सशक्त करना और जागरूकता लाना है। आज के समय में जब पूरी दुनिया डिजिटल युग की और अग्रसर हो रही है, वहीं भारत में भी डिजिटल उपकरणों व डिजिटल सेवाओं का प्रयोग हमारी दिनचर्या और दैनिक गतिविधियों में बहुत तेजी से बढ़ रहा है| तथा सरकार भी सभी प्रकार की नागरिक सेवाओं के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रदान कर पेपरलेस गवर्नेंस की ओर कदम बढ़ा रही है।
इसके अंतर्गत जिला कलक्टर डॉ.अंजलि राजोरिया के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में प्रतापगढ़ जिले में “डिजिटल सशक्तिकरण और साइबर जागरूकता” के तहत एन.आई.सी. जिला केंद्र द्वारा प्रतापगढ़ जिले में डिजिटल जागरूकता अभियान की पहल की गयी है| डॉ.राजोरिया ने बताया कि डिजिटल दुनिया के वर्तमान परिदृश्य में, भारत के नागरिकों के बीच डिजिटल जागरूकता और ज्ञान का होना बहुत ही आवश्यक है। इस उद्देश्य के लिए, डिजिटल उपकरणों और प्लेटफार्मों के बारे में जागरूकता सर्वप्रथम उन युवाओं/छात्रों एवं महिलाओं में होनी चाहिए जो अपने जीवन में अक्सर इनका उपयोग करते हैं।
जिला कलक्टर ने सभी राजीविका प्रशिक्षित कार्मिकों को डिजिटल ई-पेमेंट का अधिक से अधिक उपयोग करने के साथ-साथ निर्देश दिए कि वे यहाँ से प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने-अपने क्लस्टर की सभी साथी महिला सदस्यों के साथ अपने परिवार के सदस्यों को भी डिजिटल एवं साइबर सुरक्षा के बारे में जागरुक करें कि डिजिटलीकरण के नकारात्मक पक्ष और साइबर अपराधों से सावधानी रखने से ही बचा जा सकता है |
एन.आई.सी. के जिला सूचना-विज्ञान अधिकारी कमल नयन पांडिया ने बताया कि इस अभियान के तहत पूर्व में राजीविका के क्लस्टर मैनेजर एवं कार्मिकों को जिला स्तर पर प्रशिक्षण प्रदान कर इस अभियान की शुरुआत की गयी थी| इस क्रम में पुनः प्रतापगढ़ जिले के अरनोद, दलोट, प्रतापगढ़ व पीपलखूंट ब्लॉक स्तर के क्लस्टर कार्मिकों को डिजिटल एवं साइबर जागरूकता का प्रशिक्षण प्रदान किया गया | जिसमें सरकार द्वारा नागरिक सेवाओं के लिए चलाये जा रहे कुछ महत्त्वपूर्ण डिजिटल प्लेटफॉर्म्स जैसे उमंग (UMANG) पोर्टल, टेली मानस (हेल्पलाईन नं.-14416) सेवा, महिला सुरक्षा (हेल्पलाईन नं.-112 व 1090) सेवा के बारे में एवं डिजिटल ई-पेमेंट प्लेटफॉर्म इत्यादि सेवाओं के लिए विस्तृत जानकारी दी |
इसके साथ ही साइबर सुरक्षा के तहत बताया कि डिजिटल पेमेंट व प्लेटफार्म के उपयोग के समय साइबर क्राइम से सावधान रहना ही साइबर जागरूकता है| तथा साइबर अपराधी द्वारा किन किन तरीकों से लोगों के साथ खासकर महिलाओं व बच्चों से साइबर क्राइम जैसे ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) स्कैम, व्यक्तिगत जानकारी की चोरी और उसका दुरुपयोग, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से साइबर बुल्यींग या ब्लेकमेलिंग, बैंकिंग फ्रॉड और जॉब फ्रॉड, ऑनलाइन गेमिंग फ्रॉड इत्यादि किये जाते है| इसके अंतर्गत महत्वपूर्ण साइबर सुरक्षा टिप्स के साथ-साथ सड़क सुरक्षा नियमों की जानकारी देकर जागरूक किया |
यदि आप साइबर अपराध या वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार हो चुके है तो आप cybercrime पोर्टल या हेल्पलाईन नं. 1930 पर शिकायत कर सकते है| वर्तमान में डिजीटल अरेस्ट से वित्तीय धोखाधड़ी के मामले काफी हो रहे है| इससे बचने के लिए किसी 9 डिजिट के या अनजान नंबर से वीडियो कॉल आता है तो उसका जवाब नहीं दे| अपनी व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी शेयर न करे तथा संदेह होने पर तुरंत फ़ोन काट दे| कभी भी अनजान नंबर पर पैसे ट्रान्सफर न करे| इस तरह का कॉल आने पर परिवार के अन्य सदस्यों से इसकी जानकारी शेयर अवश्य करें| किसी भी अनजान कॉल से डराने धमकाने पर तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत करे|
राजीविका डीपीएम विनय कुमार शर्मा ने इस प्रशिक्षण हेतु जिला कलक्टर महोदया एवं एन.आई.सी. का आभार प्रकट कर सभी राजीविका कार्मिकों को निर्देश दिए कि इस प्रशिक्षण का अधिक से अधिक उपयोग कर अन्य सभी को जागरुक करें | उक्त प्रशिक्षण में राजीविका व एन.आई.सी. के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे तथा लगभग 35-40 राजीविका के क्लस्टर कार्मिकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया|
ब्यूरो चिफ अनिल जटिया