तीर्थ नगरी ओमकारेश्वर में माँ नर्मदा जन्मोत्सव आज।
“मां नर्मदा जन्मोत्सव माघ शुक्ल पक्ष से प्रारंभ होकर मुख्य दिवस 16 फरवरी माघ शुक्ल पक्ष सप्तमी में होगा समापन”।
घाटो को विद्युत रोशनी से सजाया गया है ध्वजाएं लगाई गई है ।
प्रतिदिन सभी घाटो पर अलग 2 संगठनों द्वारा सांयकाल विद्वान पंडितो द्वारा षोडशोपचार पूजन अभिषेक सम्पन्न कराया गया।
आरती के पश्चात हलुवे प्रसाद का भोग लगाकर वितरण किया जायेगा
श्रद्धालु भक्तो द्वारा पवित्र नर्मदाजी में सवा लाख दीपदान किया जाएगा ।
मुख्य दिवस शुक्ल सप्तमी शुक्रवार को मध्यान्ह को मां नर्मदा जन्मोत्सव की पू्जन ओंकारेश्वर के सभी घाटों एवं मोर्तक्का में भी खेड़ी घाट पर मां नर्मदा का घाटों पर पूजन होगा।
मोर्तक्का के खेड़ी घाट में श्री छोटे दादा जी द्वारा हेलीकॉप्टर के द्वारा पुष्प वर्षा की जाएगी।
सायंकाल महाकांकडा आरती एवम सवा लाख दीपदान होंगे। मां नर्मदा की शोभायात्रा 4:00 बजे निकलेगी तो वही जगह-जगह ओंकारेश्वर में
कन्या पूजन, भोजन होंगे भंडारे होंगे।
रात्रि में नर्मदा युवा संगठन द्वारा भजन संध्या होगी।
मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा गौ मुख घाट पर भजन एवम नर्मदाजी पर आधारित कार्यक्रम होंगे ।
आतिश बाजी की जाएगी इस अवसर
लाखों भक्त आनंद लेंगे ।
प्रशासन ने भी हर तरह पुख्ता प्रबंध किये है।
गौरतलब है कि सबसे पहले सन् 1989 में “माँ नर्मदा युवा संगठन” द्वारा एक दिवसीय मां नर्मदा जन्मोत्सव नागरघाट पर मनाना प्रारंभ किया था जो धीरे धीरे बृह्दरूप लेकर अब सात दिवसीय उत्सव मनाये जाने लगाहै ओंकारेष्वर के सभी ओंकारेश्वर के सभी घाटों पर
एवं मोर्तक्का मेंभी खेड़ी घाट में नर्मदा के तटो पर भव्य पैमाने पर मनाने जाने लगा है। मां नर्मदा को जगह-जगह एक तट से दूसरे तक तक चुनरीया ओड़ाई जाती है। शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि से लेकर शुक्ल पक्ष सप्तमी तक मां नर्मदा पुराण का आयोजन भी किया जाता है
प्रतिदिन आरती के बाद भजन संध्या का आयोजन भी किया जाता है। मनोहारी दृश्य होता है।
ओंकारेश्वर /खंडवा मिश्रीलाल कोहरे
ये भी पढ़े – परियजना अधिकारी ने एनआरसी का किया निरीक्षण