वात्सल्य स्कूल में मनाया वार्षिकोत्सव
बच्चों ने कराया सम्राट यशोधर्मन के शौर्य और साहस से रुबरु
धार्मिक, मार्मिक और देशभक्ति पूर्ण नृत्य-नाटिकाओं ने मन मोहा
मंदसौर। वात्सल्य पब्लिक स्कूल में 27वां वार्षिकोत्सव उत्साह से मनाया गया। वार्षिकोत्सव यश-ओ-धर्मन की थीम पर आधारित रहा। दशपुर के सम्राट यशोधर्मन की शौर्य गाथा और उनके जीवन से विद्यार्थियों की नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से रुबरु होने का मौका मिला। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व डायरेक्टर एनसईआरटी, आरआईई भुवनेश्वर प्रोफेसर डॉ ऋषिकेश सेनापति और जिला कलेक्टर अदिती गर्ग थी। वहीं अतिथि के रूप में चौईथराम स्कूल प्रिंसीपल राजेश अवस्थी और पूर्व विधायक यशपालसिंह सिसौदिया भी उपस्थित थे। इसी तरह से वात्सल्य स्कूल के संस्थापक प्रदीप गनेड़ीवाल ने भी कार्यक्रम मेें सहभागिता की। अतिथियों का प्रेरणादायी उद्बोधन से बच्चों के आत्मविश्वास बढ़ाने वाला था।
कार्यक्रम की शुरूआत मां सरस्वती की पूजा अर्चना के साथ की गई। इसके बाद स्कूल प्रबंधन ने अतिथियों का स्वागत किया। इसके बाद रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति का दौर शुरू हुआ। शाम को शुरू हुए कार्यक्रम की शुरूआत हुई। वात्सल्य स्कूल के बच्चों की शानदार प्रस्तुतियां उनके अंदर मौजूद प्रतिभा सहज रूप से बयां कर रही थी। इस अवसर पर मौजूद अभिभावकों सहित अन्य अतिथियों ने इस शानदार कार्यक्रम की जमकर सराहना की। तालियों की गडगड़ाहट बच्चों का हौसला अफजाई तो कर ही रही थी, बल्कि कार्यक्रम की भव्यता को भी बयां कर रही थी। वात्सल्य स्कूल के इस वार्षिकोत्सव समारोह में एक ही मंच से करीब 900 से अधिक विद्यार्थियों ने लगभग 20 से अधिक रंगारंग प्रस्तुतियां देकर मन मोह लिया। सम्राट यशोधर्मन की वीरगाथाओं पर तो कार्यक्रम केंद्रीत था ही सही, इसके अलावा राष्ट्रीय और धार्मिक सहित कई विषयों पर आधारित कार्यक्रमों ने भी दाद भी बटोरी। प्री प्रायमरी स्तर के नन्हे-मुन्नों ने भी प्रस्तुतियां दी। इसी तरह प्राथमिक से हायर सेकंडरी स्तर के बच्चों ने सांस्कृतिक मंच पर प्रस्तुतियां दी। कालिदास पर आधारित नाट्य प्रस्तुती ने काफी वाह वाही बटोरी। धार्मिक, मार्मिक और देशभक्ति पूर्ण नृत्य व नाटिकाओं से उपस्थित लोगों का मन मोह लिया।
यह था विशेष
वर्षिकोत्सव में वात्सल्य पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों और शिक्षकों द्वारा बनाई गई डॉक्यूमेंट्री वात्सल्य रिवाइंड प्रदर्शित की गई।इस डॉक्यूमेंट्री में सम्राट यशोधर्मन की ऐतिहासिक महत्ता, मंदसौर की सांस्कृतिक विरासत और स्कूल के मानवीय मूल्यों को दशार्या गया है। इसमें यशोधर्मन टाइटल ट्रैक का संगीत भी शिक्षकों और विद्यार्थियों ने मिलकर कंपोज किया।
बॉक्स
सम्राट यशोधर्मन पर एक माह तक की शोध
वार्र्षिकोत्सव की थीम यशोधर्मन एक धरोहर थी। इस थीम पर खरा उतरने के लिए स्कूल स्टॉफ ने काफी मेहनत की। मंच पर सम्राट यशोधर्मन पर एक महत्वपूर्ण नाट्य की बच्चों ने प्रस्तुत किया। इस नाट्य के लिए स्कूल के शिक्षकों और अन्य स्टॉफ ने करीब छह माह तक सम्राट यशोधर्मन के जीवन को जाना। इसके लिए इतिहास के बारे में जानकारी रखने वाले विशेषज्ञों से लगातार संपर्क किया गया। किताबों सहित अन्य स्त्रोतों से छोटी छोटी जानकारी एकत्रित कर एक डाटा तैयार किया गया। इसके बाद उसे एक नाट्य के रूप में प्रस्तुत कर सम्राट यशोधर्मन से उपस्थित लोगों को रुबरुकराया।
ये भी पढ़े – भा.ज.पा मोर्चा जिला अध्यक्ष का मनाया जन्मदिन।