किसान नेता राजकुमार अहीर आदिवासी गांव नया पुराना में धार्मिक कार्यक्रम में भाग लिया।
नया पुराना बांध का निरीक्षण कर लोगों की समस्याएं सुनी।
झांतला। आजादी के 78 साल बाद भी नीमच जिले की राजपुरा झंवर पंचायत के आदिवासी गांव नया पुराना व जूना पुराना आज भी मूल भुत व बुनियादी सुविधाओं से वंचित होकर अपनी बेबसी के आंसू बाह रहा है। लेकिन अभी तक इन गांवों की कोई सुध लेने वाला नहीं है। सड़क व पेयजल की विकट समस्याओं से यह गांव जूझ रहे हैं। सप्तमी उद्यापन के धार्मिक कार्यक्रम में आदिवासियों के बीच सम्मिलित हुए किसान व जन नेता राजकुमार अहीर को आदिवासियों द्वारा उक्त समस्याओं से अवगत करवाया गया जिसको लेकर अहीर ने मौके पर से ही अधिकारियों को फोन कर दो दिन में पानी की समस्या को हल करने की सक्त हिदायत दी वह झांतला से नया पुराना होकर विजयातलाई तक सड़क जुड़वाने का भी लोगों को आश्वासन दिया व इस सड़क को जल्द जुड़वाने की मांग मुख्यमंत्री तक पहुंचा कर तत्काल सड़क की समस्या का निराकरण करवाने का प्रयास किया जाएगा आदिवासियों द्वारा जन नेता का गर्म जोशी से स्वागत किया गया पर्याप्त पानी होते हुए बांध के नीचे रहने वाले आदिवासियों को पीने का पानी न मिलाना जैसे कुएं के पास प्यासा रहना है। यह कहावत चरितार्थ करती है। बड़े आश्चर्य की बात है। की आदिवासी गांव में जल जीवन मिशन योजना के तहत टंकियां पर नल योजना,मोटर खराब होने से विगत 6 महीने से नहीं चल पा रही है। पूरी बस्ती मात्र एक हेड पंप के सहारे काम चला रही हैं। किसान नेता ने झांतला क्षेत्र के मुख्य नया पुराना बांध का,भी निरीक्षण किया जिसकी हालत बद से बद्तर पाई गई रख,रखाव के अभाव में बांध जर्जर हो चुका है। जाड जकड व बांध की पाल कमजोर हो चुकी है। पूर्व में भी उक्त बांध टूटने की कगार पर पहुंच चुका था। बांध के नीचे बगीचे में हरियाली नष्ट हो चुकी है। वह बंगले, क्वार्टर अपनी दुर्दशा की आंसू बाह रहे हैं। जबकि सिंगोली तहसील का सबसे बड़ा बांध होने के बावजूद विभाग व यहां के जनप्रतिनिधियों की अपेक्षा के चलते आज बांध की हालत दयनीय हो चुकी है। किसी समय यह बांध पिकनिक स्टॉप हुआ करता था लोग यहां बांध देखने घूमने पार्टी आदि करने बड़ी संख्या में आते थे। लेकिन सड़क नहीं होने वह बांध तक उबर खाबड सड़क के चलते लोगो को यहां पहुंचने में काफी परेशानी आती है। इस बांध से निकलने वाली नहरे भी कई जगह टूट चुकी है। व कच्ची नहरे,होने से ज्यादातर पानी की फिजूल बर्बादी हो जाती है। क्षेत्र के लोगों की इस बांध की कायाकल्प की मांग हमेशा से रही है। लेकिन स्थानीय विधायक श्री ओमप्रकाश सकलेचा के पिता श्री स्वर्गीय वीरेंद्र कुमार सकलेचा जी के नाम से बना यह बांद आज भी अपेक्षित होना बड़ी,विडंबना की बात है। या फिर यह गांव राजनीति का शिकार हो रहे हैं।
सप्तमी उद्यापन कार्यक्रम में जनपद प्रतिनिधि राजेश शर्मा ,रतन सोलंकी, हीरालाल भील, भेरूलाल भील, छगनलाल भील, भीमराज भील, शंभू लाल भील ,गणेश भील ,बंसीलाल भील ,देवीलाल भील, आदि बड़ी संख्या में महिला पुरुष उपस्थित थे।
ये भी पढ़े – पहलगाम के मामले में रतनगढ़ नगर वासियो ने कार्यवाही की मांग