जिला चिकित्सालय मंदसौर में मॉड्यूलर किचन को लेकर गंभीर सवाल

जिला चिकित्सालय मंदसौर में मॉड्यूलर किचन को लेकर गंभीर सवाल

मंदसौर

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जिला चिकित्सालय मंदसौर में मॉड्यूलर किचन को लेकर गंभीर सवाल

विधायक प्रतिनिधि मनोहर नाहटा ने उठाए प्रशासनिक लापरवाही के मुद्दे

मंदसौर। जिला चिकित्सालय मंदसौर में मरीजों को भोजन प्रदाय करने के लिए प्रस्तावित मॉड्यूलर किचन संचालन को लेकर गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। विधायक प्रतिनिधि मनोहर नाहटा ने किचन का दौरा कर स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग के स्पष्ट आदेशों के बावजूद आज तक जिला अस्पताल में मॉड्यूलर किचन स्थापित नहीं हो सका है। इसके कारण मरीजों के लिए भोजन अब भी पारंपरिक तरीके से तैयार किया जा रहा है, जो तय मानकों के विपरीत है।

सरकारी आदेश बनाम जमीनी हकीकत

राज्य सरकार द्वारा सभी जिला अस्पतालों में मॉड्यूलर किचन की व्यवस्था अनिवार्य की गई थी। टेंडर की शर्तों में भी स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि भोजन की तैयारी और वितरण FSSAI मानकों के अनुरूप होना चाहिए, ताकि भोजन सामग्री पर कम से कम हाथ लगे और स्वच्छता बनी रहे। इसके बावजूद मंदसौर जिला अस्पताल में नियमों की अनदेखी करते हुए पुराने तरीके से भोजन बनाया जा रहा है, जिससे मरीजों के स्वास्थ्य पर खतरा बढ़ रहा है।

टेंडर शर्तों का उल्लंघन

नाहटा ने बताया कि टेंडर की कंडिकाओं की शर्त क्रमांक 52 और 53 का स्पष्ट उल्लंघन किया जा रहा है। भोजन की गुणवत्ता, पोषण और स्वच्छता को लेकर तय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं हो रहा, जो गंभीर चिंता का विषय है।

किचन निरीक्षण में सामने आई अनियमितताएं

किचन विजिट के दौरान कई कमियां उजागर हुईं। पोषण किट और भोजन वितरण में मानक सामग्री का पूरा उपयोग नहीं किया जा रहा। स्टोरेज और वितरण व्यवस्था अव्यवस्थित पाई गई। FOSTAC प्रशिक्षण, जो कि अनिवार्य है, उसे भी पूरी तरह लागू नहीं किया गया है। निरीक्षण के समय ठेकेदार द्वारा नियुक्त डाइटिशियन भी मौके पर मौजूद नहीं थी, जो नियमों के अनुसार आवश्यक है।

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मरीजों और परिजनों की शिकायतें

मरीजों के परिजनों ने भी भोजन की गुणवत्ता और स्वच्छता को लेकर असंतोष जताया। उनका कहना है कि अस्पताल प्रबंधन इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दे रहा, जबकि मरीजों के स्वास्थ्य के लिए यह बेहद जरूरी है।

प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल

नाहटा ने बताया कि भोपाल से जारी आदेशों के अनुसार सभी जिला अस्पतालों में मॉड्यूलर किचन तैयार होना था, लेकिन मंदसौर में यह योजना वर्ष 2024 से अब तक अधूरी है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब आरएमओ और सिविल सर्जन द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाता रहा है, तो ये कमियां अब तक क्यों नहीं दिखीं।

डायडिशन की उपस्थिति सुनिश्चित करे

डायडिशन के पद पर नियुक्त सुश्री चारु गोयल पिपलियामण्डी निवासी ने डायडिशन व न्युट्रेशन का कोर्स nutrition (षोषण) एक क्लिनिक पर कार्यरत है ऐसी स्थिति मे सिविल हास्पिटल मे दो जगह कैसे निर्वहन कैसे कर पाना संभव है  यह गभीर चिंता का विषय है

सिविल सर्जन को अवगत कराया

किचन में पाई गई सभी कमियों की जानकारी सिविल सर्जन बी.एल. रावत को दी गई है। साथ ही किचन की विजिटर बुक में भी इन कमियों का उल्लेख किया गया। नाहटा ने कहा कि यह स्थिति न केवल स्वास्थ्य मानकों की अनदेखी है, बल्कि मरीजों की सुरक्षा के साथ सीधा खिलवाड़ है।

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