अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर पशु मेले में पहुंचे पशुपालक पशु लेकर,जिला कलेक्टर ने लिया व्यवस्था का जायजा,18 नवंबर से झंडा रावण के साथ होगा पुष्कर मेले का भव्य शुभारंभ,विश्व प्रसिद्ध पुष्कर पशु मेले में बिक्री के लिए आने वाले पशुओं की संख्या दिनों दिन इजाफा हो रहा है। वहीं पशुपालकों के साथ-साथ पशु खरीदने के लिए विभिन्न क्षेत्रों से काफीी संख्या में पशु व्यापारी भी पहुंच रहे है। तथा व्यापारियों के बीच पशुओं का खरीददारी का सिलसिला शुरू हो गया है।
मंगलवार से शुरू हुए पशु मेले में अब तक साढ़े तीन हजार से अधिक पशु पहुंच गए है तथा इनकी आवक लगातार निरंतर जारी है। मेले में आए जानवरों में ऊंटों की संख्या अधिक है। मोतीसर रोड़ से सटे नए मेला मैदान में पशुपालक अपने-अपने जानवरों के साथ खुले आसमान के नीचे डेरे डाल रहे है। वहीं पशुपालकों की सुविधार्थ पशुपालन विभाग की ओर से पानी, बिजली, चारा, चिकित्सा आदि की माकुल व्यवस्थाएं की जा रही है। मेले में आने वाले पशुओं के पंजीयन व स्वास्थ्य परीक्षण के लिए विभाग की ओर से शहर के सभी प्रवेश मार्गो पर 13 चौकियों की स्थापना की गई। मेला अधिकारी डा० नवीन परिहार ने बताया कि पशुओं के उपचार के लिए स्थायी पशु चिकित्सालय के अलावा सनसेट पॉइंट पर अस्थायी पशु चिकित्सालय खोला गया है तथा चिकित्सकों की मोबाइल टीमें भी गठित की गई है। पशु व पशुपालकों के साथ-साथ अस्थाई दुकानदारों ने मेला क्षेत्र में दुकानें व थडिय़ां सजानी शुरू कर दी है। मेलार्थियों के मनोरंजन के लिए आकाशीय झूलें व सर्कस के पांडाल सज रहे है।
अश्वों की आवक में हुई वृद्धि
इस वर्ष पुष्कर मेले में अश्वों के अधिक संख्या में आने की संभावना है। मेला शुरू होने के साथ ही अश्वों की आवक भी शुरू हो गई है तथा इनकी आवक तेजी से बढ़ रही है। राजस्थान के अलावा पंजाब, हरियाणा समेत पड़ोसी राज्यों से अश्व व्यापारी अच्छी नस्ल व कद-काठी के घोड़े-घोडिय़ां लेकर पुष्कर पहुंच रहे है। अश्व पालकों में संतों महंतों के अलावा कई नेताओं व बाहुबलियों के आलीशान टेंट लग गऐ है। जिससे मेला क्षेत्र टेंट सिटी के रूप में भी नजर आ रही है। इधर रेगिस्तान में एक ओर ऊंटों के काफिलें नजर आ रहे है। वहीं दूसरी ओर अश्वों के अस्तबल सज रखे है। मेला अधिकारी डा० परिहार ने बताया कि अब तक मेले में 2 दो हजार ऊंट तथा 12 सौ घोड़े-घोड़ी आए है तथा इनकी आवक बनी हुई है।
मेला व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंची कलक्टर
जिला कलक्टर डा० भारती दीक्षित ने बुधवार को पुष्कर पशु मेले की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने पशुपालकों से बातचीत कर उनकी समस्या सुनी तथा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान मेला अधिकारी डा० परिहार ने कलक्टर को अश्वों की प्रजातियों व मेला व्यवस्था पर आवश्यक जानकारी दी।
लक्जरी एनीमल एंबुलैंस में पहुंचे अश्व
पुष्कर मेले में भाग लेने के लिए दूर दराज से अश्वों के आने का क्रम जारी है। अब तक 12 सौ से अधिक अश्वों पहुंच चुके है। बुधवार को अलग अलग प्रजातियों के अश्व जहां ट्रक व यूटीलिटी जीपों से पहुंचे वहीं जयपुर की स्ट्ड फॉर्म व इनके सहयोगी फॉर्म ने 11 अश्वों को लक्जरी एनिमल एंबुलैंस में लेकर मेला क्षेत्र में पहुंचे। तथा एक-एक करके सभी अश्वों को व्यवस्थित तरीके से नीचे उतारा। बताया गया है कि उक्त एंबुलैंस में अश्व सुरक्षित रहते है इसलिए इनकों इसमें लाया गया है।
ऊंट पालक तरसे रहे है सुविधाओं को
मेले में जहां अश्व पालकों ने अपने अश्वों के लिए टेंट लगाकर व्यवस्था कर रखी है। वहीं ऊंट अपने मालिकों के साथ खुले आसमान के नीचे अपना दिन रात गुजार रहे है। इस दौरान ऊंट पालकों ने आरोप लगाया कि दड़ा क्षेत्र में अंधेरा व्याप्त है तथा पीने के पानी के लिए लगाई गई केबिनों में पानी की कमी हो रही है। प्रशासन व पुलिस व्यवस्था पर भी उन्होंने नाखुशी जाहिर की। चाय, पानी व अन्य जरूरतों के सामान की दुकानें दड़ा क्षेत्र से दूर होने के कारण वे सुविधाओं को काफी तरस रहे है। हालांकि उन्होंने ऊंटों के पीने के लिए बन रखी खेलियों में पानी की व्यवस्था पर संतोष जाहिर किया है।
अस्थाई तंबू में रात गुजार रहे है ऊंट पालक परिवार
कई ऊंट पालक ऊंटों के झुंड़ के साथ अकेले तो कई अपने परिवार के साथ मेले में पहुंचे है। इनमें अकेले आये ऊंट पालक तो खुले आसमान के नीचे रहे रहे है वहीं परिवार के साथ ऊंट पालक अस्थाई छोटे-छोटे तंबू बनाकर निवास कर रहे है। ऊंट पालक के साथ आयी महिलायें खाना बना रही है तो वहीं बिना परिवार के आये पुरूष ऊंट पालक स्वयं द्वारा बनाये गये अस्थाई चूल्हों पर लकड़ी व छाणों की सहायता से खाना पका रहे है।
विदेशी पर्यटकों की आवक शुरू
मेले में पशु व पशुपालकों के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों की आवक भी शुरू हो गई है। पर्यटकों के ठहरने के लिये अस्थायी पर्यटक ग्राम सजाये जा रहे है। विदेशी मेहमान ऊंटों पर सवार होकर मेले का लुत्फ उठा रहे है।
मेले में इस बार होंगे विभिन्न नवाचार- मेलाधिकारी डा० परिहार
पुष्कर मेले में इस बार पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक एवं पशु मेला अधिकारी डा० नवीन परिहार की पहल पर विभिन्न नवाचार कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। इसकी विस्तृत जानकारी डा० परिहार ने पत्रकार वार्ता आयोजित कर बताया कि इस बार मेले के शुभारंभ पर मेला मैदान क्षेत्र को इकों फे्रण्डली बनाया जायेगा। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी व किसी अन्य के वाहन को भी प्रवेश नहीं दिया जायेगा तथा सभी अधिकारी व कार्मिकों को ऊंट गाड़ी एवं घोड़ी की बगियों में बैठाकर कार्यक्रम स्थल पर लाया जायेगा। इसके अलावा मेला क्षेत्र में विभिन्न जगहों पर हेल्प डेस्क लगाये गये है जहां पशु पालक मेले की समस्त जानकारी दी जायेगी। वहीं क्षेत्र के सनसेट डेजर्ट पोइंट पर अस्थाई मेडिकल हॉस्पिटल बनाया गया है जहां पर पशु चिकित्सक के साथ 3 कंपाउडर लगाये गये है। इसके अलावा पशु मेडिकल टीमें भी गठित की गई है जो मेला क्षेत्र में घूम घूमकर अश्वों में ग्लेंडर आदि बीमारियों तथा हेल्थ सर्टिफिकेट की जांच कर रही है। बताया कि 21 नवंबर को आयोजित होने वाली अश्व पशु प्रतियोगिता के लिए 18 नवंबर से रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया जायेगा। तथा प्रतियोगिता के निर्णायक के रूप में इस वर्ष पशुपालन विभाग के अधिकारी व पशुओं की देखरेख में माहिर कार्मिकों को नियुक्त किया जायेगा। वही गीर प्रदर्शनी में पशुपालकों को अजमेर जिले की गीर नस्ल के गौवंशों की जानकारी दी जायेगी। डा० परिहार ने बताया कि 19 से 23 नवंबर तक मेला मैदान में गौवंश, नागौरी बैल, भैंस, ऊंट वंश व अश्व वंशों के बीच विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा।