जिले में नरवाई जलाना है प्रतिबंधित
104 किसानों को नोटिस जारी
नरवाई जलाने पर की जायेगी दण्डात्मक कार्यवाही
खंडवा – पर्यावरण सुरक्षा हेतु नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशानुसार वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 अन्तर्गत जिले में गेहूँ एवं अन्य फसलों की कटाई उपरांत फसल अवशेषों को खेतो में जलाये जाने को प्रतिबंधित किया गया है। उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विभाग द्वारा बताया गया कि जिले में नरवाई जलाने पर रोक लगाने हेतु निरंतर कृषि विभाग के मैदानी अमले द्वारा प्रचार प्रसार कर कृषकों को नरवाई न जलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जागरूकता के बाद भी यदि कोई कृषक नरवाई जलाते हुए पाया जाता है, तो शासन के निर्देशानुसार अर्थदण्ड का प्रावधान किया गया है। जिसमें 2 एकड़ से कम रकबे वाले कृषकांे को 2500 रूपये, 2 से 5 एकड़ तक 5 हजार रूपये एवं 5 एकड़ से अधिक रकबे वाले कृषकों को 15 हजार रूपये तक का दण्ड प्रावधान निर्धारित किया गया है।
उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विभाग द्वारा बताया गया कि कलेक्टर श्री गुप्ता के आदेशानुसार कुल 14 हजार प्रतियां व नरवाई प्रबंधन के संबंध में 15 हजार पम्पलेट के द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत, ग्राम के समस्त शासकीय भवन, ग्राम चोपाल, ग्राम में ट्रेक्टर ट्राली एवं हार्वेस्टर आदि पर चस्पा कर एवं मैदानी अमले द्वारा ग्रामों में ग्राम चोपाल, प्रशिक्षण, प्रक्षेत्र दिवस व नरवाई प्रबंधन जागरूकता रथ 7 अप्रैल से निरंतर 25 ग्रामो में भ्रमण कर प्रचार प्रसार किया जा रहा है।
उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विभाग द्वारा बताया गया कि जिले में अब तक सेटेलाईट द्वारा नरवाई जलाने की 81 ग्रामों में कुल 166 घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि तहसीलों में नरवाई जलाने की घटनाओं के विरूद्ध 146 पंचनामे बनाये गये तथा 104 किसानों के विरूद्ध नोटिस जारी किये गये एवं अभी तक 128000 रूपये का अर्थदण्ड किया गया। उन्होंने सभी किसान भाईयों से अनुरोध किया है कि नरवाई न जलावें। नरवाई प्रबंधन के लिये फसल अवशेषों को पशुओं के चारे और कम्पोस्ट बनाये जाने में उपयोग किया जाये। खेतों में कल्टीवेटर, रोटावेटर, हेप्पीसीडर, सुपरसीडर की मदद से फसल अवशेषों को मिट्टी में मिलायें।
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