भारी वाहनों पर दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है।

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भारी वाहनों पर दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है।

एक छोर से निकाला जा रहा है तो दूसरे छोर से रोका जा रहा है।

16 सितंबर 2023 में नर्मदा नदी में बाढ़ आने से इंदौर इच्छापुर हाईवे पर स्थित मोरटका मे नर्मदा नदी का ब्रिज बस पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था जिसे रिपेयरिंग करने के भी बाद इंजीनियर ने जांच करने के बाद बड़वाह एसडीएम को रिपोर्ट सोपी थी रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम बड़वाह ने नर्मदा ब्रिज सेभारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित कर दिया था।
एन एच ए आई ने गार्ड नियुक्त किए थे।
लेकिन गार्ड ही भारी वाहन चालकों से पैसे लेकर वाहन निकल रहे थे। जब समाचार पत्रों में खबरें प्रकाशित हुई थी तो एन एच ए आई ने इंदौर कॉलेज के इंजीनियरों को नर्मदा ब्रिज की जांच के लिए बुलाया उन्होंने तीन दिन तक भर टेस्टिंग किया एवं जांच कर रिपोर्ट रिपोर्ट दी गई लेकिन रिपोर्ट देने के बाद भी नर्मदा ब्रिज से भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित ही था।
लेकिन गुरुवार को खंडवा के चेंबर ऑफ कॉमर्स एवं डीजल पेट्रोल संगठन के पदाधिकारी ने संसद ज्ञानेश्वर पाटिल को बेस्ट टाइम की टैंकरों व ट्रैकों को दृश्य गुजरने की अनुमति देने के लिए पत्र के साथ चर्चा की थी सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने भी गुरुवार को व्यापारी प्रतिनिधियों के साथ खंडवा कलेक्टर अनूप सिंह से मुलाकात की कलेक्टर ने राजमार्ग प्रधान अधिकारियों के अधिकारियों से चर्चा कर समस्या का निराकरण किया।
अब ब्रिज के दोनों और 20 तन क्रिकेट ट्रक डीजल पेट्रोल टैंकर को कम स्पीड से निकलने के आदेश पारित कर दी गएहैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि दो-दो बार ब्रिज की जांच होने के बाद भी भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित क्यों था?
ट्रांसपोर्ट व्यापारी यो की शिकायत है कि उन्हें मोरटका का पुल पर प्रतिबंध होने से पेट्रोल डीजल के वाहन इंदौर से खलघाट खरगोन होते हुए खंडवा बुरहानपुर आने लगे 100 किलोमीटर से ज्यादा का फ़ेरा होने लगा था इस कारण भारत पेट्रोलियम इंडियन ऑयल हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने मिलकर पेट्रोल डीजल पर प्रति लीटर 1.38रुपए बढ़ा दिए थे इस बढ़ोतरी के कारण खंडवा बुरहानपुर की जनता को अतिरिक्त पैसा चुकाना पड़ रहा था इस मामले से जुड़े जानकार वह पेट्रोल पंप पर व्यवसायि प्रकाश नरेड़ी के मुताबिक खंडवा जिले में 130 पेट्रोल पंप है रोजाना 5 लाख लीटर डीजल पेट्रोल की खपत होती है बड़ी हुई कीमतों की वजह से खंडवा की जनता 7 लाख रुपए अतिरिक्त खर्च चुका रही थी इतना ही आंकड़ा बुरहानपुर जिले का भी था यानी दोनों जिलों की जनता से महीने में 4 करोड़ 20 लाख रुपए और प्रतिबंध के 5 महीने के दौरान लगभग 20 करोड़ से ज्यादा जनता ने रुपए चुकाए हैं।
वही अब खंडवा से इंदौर जाने वाले वहां तो इस ब्रिज से 20 से 25 तन का वहां ले जा रहे हैं वही इंदौर से खंडवा आने वाले वाहनों को बढ़वाह में ही रोखा जा रहा है। प्रशासन एवं एनएचएआई ने ब्रिज से भारी वाहन बंद करने के लिए लिखित आदेश दिए थे और ना ही उसे शुरू करने के लिए आदेश जारी किए हैं। वही विडंबना यह है कि ब्रिज के दोनों छोरों पर दो दो मापदंड का पालन कराया जा रहा है।
मोर्तक्का से ब्रिज पर 6 पहिए वाली गाड़ियों को गुजरने दिया जा रहा है।
कुछ गाड़ियों को निकाला जा रहे हैं तो कुछ को 120 किलोमीटर का फैला लगाकर आना पड़ रहा है। इस संबंध में ट्रांसपोर्टरों ने बैठक की जिसमें चेतावनी दी गई कि नियमों के अनुसार वाहनों को आने-जाने दे,ऐसा नहीं हुआ तो वह बुकिंग करना बंद कर देंगे।
बैठक में इस विषय पर चर्चा हुई की जब पेट्रोल डीजल के टैंकर और आईसर गाड़ियां ब्रिज से निकल सकती है तो उसमें कम वजन की 6 पहिया वाली गाड़ियां क्यों नहीं निकल सकती? बैठक ने व्यवसाययों ने कहा कि एक ब्रिज पर दोनों छोरों पर दो अलग-अलग मापदंड कैसे हो सकते हैं? यह सवाल का जवाब प्रशासन से मांगा है। सवाल यहभी है कि अब जब 5 महीने बाद नेता एवं अफसरों ने ब्रिज पर प्रतिबंध हटाने का निर्णय लिया है। जब लोकसभा चुनाव सिर पर है।

खंडवा से मिश्रीलाल कोहरे की रिपोर्ट

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