प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना का लाभ लेकर महेश नागर ने किया मसाला उद्योग स्थापित

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प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना का लाभ लेकर महेश नागर ने किया मसाला उद्योग स्थापित

खुद आत्मनिर्भर बनकर दूसरों को दे रहे हैं रोजगार

मंदसौर जिले के ग्राम धुंधड़का के रहने वाले श्री महेश नागर ने उद्यानिकी विभाग से प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना का लाभ लेकर अपने स्वयं के घर पर ही श्री नागर मसाला उद्योग स्थापित किया है। मसाला उद्योग स्थापित करने से पूर्व इन्होंने दक्षिण भारत केरल से प्रशिक्षण भी प्राप्त किया। मसाला उद्योग से स्वयं तो रोजगार प्राप्त करते हैं, साथ उद्योग एवं मसाला उत्पादन की खेती-बाड़ी में भी अन्य लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। मसाला उद्योग से अब स्वयं आत्मनिर्भर बन चुके हैं।

महेश नागर पहले अपने खेत पर ही मिर्ची, अन्य मसाले लगाते थे। और यह मसाले गांव में ही बिक जाया करते थे। जैसे-जैसे मसालों की और डिमांड बढ़ने लगी तो उन्होंने उद्योग स्थापित करने के बारे में सोचा लेकिन उद्योग स्थापित के लिए उनके पास इतने पैसे नहीं थे। कि यह अपना स्वयं का उद्योग स्थापित कर सके, फिर इनको उद्यानिकी विभाग के माध्यम से योजना के बारे में पता चला। इसके पश्चात महेश नागर ने मसाला उद्योग स्थापित करने के लिए लोन लेने के लिए आवेदन दिया। इनका लोन पास हुआ और बैंक से इनको 2 लाख 11 हजार का लोन मिला। जिस पर इनको 73 हजार की छुट्टी भी प्रदान की गई।

महेश नागर कहते हैं कि, मसाला उद्योग के लिए कुछ मसाले दिल्ली से भी हम लाते हैं। स्वयं के खेत में सभी तरह के मसाले नहीं होते हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में सभी तरह के मसाले की डिमांड होती है।
इनके मसाला उद्योग में दालचीनी, कालीमीर्ची, सफेदमीर्ची, तेजपत्‍ता, लोंग, केसर, साही जीरा, जीरा, पत्तर फुल, बड़ी इलायची, जावीत्री, सौंठ, नाग कैसर, जायफल, अजवाईन, सौंफ, काचरी, हल्‍दी, मीर्ची, धनियां मीर्ची, हींग इत्यादि तरह-तरह के मसाले हैं।

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