रोजगार की आस में चार माह से बैठे बेरोजगार मछुआरे

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रोजगार की आस में चार माह से बैठे बेरोजगार मछुआरे, पुनासा के नर्मदा नगर स्थित इंदिरा सागर जलाशय में मत्स्य विक्रय का टेंडर नहीं होने के कारण मछुआरे चार महिनों से बेरोजगार हो गए हैं, महिलाएं पुरुष मछुआरों ने रोजगार चालू करने की गुहार लगाई है,

आपको बता दे कि इंदिरा सागर जलाशय में मत्स्य महासंघ के द्वारा मछुआरों से मत्स्य आखेट करवा कर ठेकेदार को मत्स्य विक्रय किया जाता है लेकिन ठेके की निविदा 115 करोड़ होने और टेंडर प्रक्रिया जटिल होने के कारण कोई भी ठेकेदार इसमें रुचि नहीं ले पा रहा है जिसकी वजह से लगभग 4 माह से 48 समितियों के 2800 मछवारे बेरोजगारी का आलम झेल रहे है लेकिन मत्स्य महासंघ इनको रोजगार देने में अपनी रुचि नही दिखा पा रहा है

वही दूसरी ओर महासंघ दावा कर रहा है कि जलाशय में मत्स्य आखेट पूर्ण रूप से बंद है जबकि नागपुर समिति के मछवारे बोले कि पूरे जलाशय में हरसूद धनवानी किल्लोद ओर किटी क्षेत्र में मत्स्य महासंघ की आखों के सामने मछली का शिकार हो रहा है वो भी इंजन लगी नावो से ओर वहां मछवारो पर कोई कार्यवाही नही होती है ओर सेकड़ो किलो मछली रोजाना खंडवा इंदौर और भोपाल मंडी में पहुंचाई जा रही है साथ ही बाहरी मछवारे भी जलाशय में सक्रिय है जिन पर मत्स्य महासंघ के द्वारा कोई कार्यवाही नही की जा रही है ! होती भी है तो छोटी-मोटी कार्रवाई व्यपारियो पर की जा रही है नागपुर समिति के मछवारे अगर पानी मे जाना चाहे तो हमे परेशान किया जाता है चार माह से बेरोजगार है अब तो सब्र का बांध टूटने लगा है हम अपना लालन पोषण कैसे करें और कैसे अपने बच्चों को खिलाएं पिलाएं हमें मछली मारने के अलावा किसी और काम की कोई जानकारी भी नहीं है मछुआरों ने मांग की है कि जल्द से जल्द डैम का ठेका किया जाए ताकि हमें रोजगार मिल सके !

ओंकारेश्वर मांधाता से आकाश शुक्ला की रिपोर्ट

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