तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर के बस स्टैंड पर बिना परमिट और बिना फिटनेस की बसों का जमावड़ा लगा रहता है।

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ओंकारेश्वर / तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर के बस स्टैंड पर बिना परमिट और बिना फिटनेस की बसों का जमावड़ा लगा रहता है। ये बिना परमिट और फिटनेस की बसें यात्रियों को इंदौर,खंडवा और खरगोन की ओर से लाती हैं और वापस छोड़ती हैं। ओंकारेश्वर से बिना परमिट की बसें परिवहन विभाग से बेखौफ होकर धड़ल्ले से दौड़ रही हैं। परिवहन विभाग की उदासीनता के कारण ओंकारेश्वर क्षेत्र में बड़ा सड़क हादसा हो सकता है। अवैध यात्री बसों के संचालक प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर 7 दिन का परमिट बनवा लेते हैं और फिर उसी परमिट के नाम पर अपनी यात्री बसें महीनों तक संचालित करते रहते हैं। अवैध बसों के संचालकों के हौंसले इतने बुलंद हैं कि अपनी बसों को दो दो घंटे बस स्टैंड पर खड़ा कर सवारी भरते हैं। इन अवैध बसों का कोई निश्चित टाइम टेबल भी नहीं है। अवैध बस संचालक दादागिरी करके अपनी बसों को खुलेआम बस स्टैंड पर लगाकर भरते देखे जा सकते हैं। वैध परमिट रखने वाले बस संचालकों ने अनेक बार अवैध बस संचालन की शिकायतें खंडवा आरटीओ से की। आरटीओ विभाग इन अवैध बस संचालकों के विरुद्ध कार्यवाही की हिम्मत नहीं जुटा पाया है। दिखावे के लिए छुटपुट कार्यवाही कर दी जाती है। इसमें आरटीओ विभाग की दिखावे की कार्यवाही साफ नजर आती है। इस कारण वैध परमिट रखने वाले यात्री बस के संचालकों को ईमानदारी की कीमत चुकाना पड़ रही है और भारी आर्थिक हानि उठाना पड़ रही है।
उधर छोटे टेंपो वाले भी दूरदराज के क्षेत्रों से आने वाले
तीर्थयात्रियों से सनावद से ओंकारेश्वर और ओंकारेश्वर से
मोरटक्का का मनमाना किराया वसूलते हैं। लेकिन शासन प्रशासन अपनी जिम्मेदार।ओंकारेश्वर / तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर के बस स्टैंड पर बिना परमिट और बिना फिटनेस की बसों का जमावड़ा लगा रहता है। ये बिना परमिट और फिटनेस की बसें यात्रियों को इंदौर,खंडवा और खरगोन की ओर से लाती हैं और वापस छोड़ती हैं। ओंकारेश्वर से बिना परमिट की बसें परिवहन विभाग से बेखौफ होकर धड़ल्ले से दौड़ रही हैं। परिवहन विभाग की उदासीनता के कारण ओंकारेश्वर क्षेत्र में बड़ा सड़क हादसा हो सकता है। अवैध यात्री बसों के संचालक प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर 7 दिन का परमिट बनवा लेते हैं और फिर उसी परमिट के नाम पर अपनी यात्री बसें महीनों तक संचालित करते रहते हैं। अवैध बसों के संचालकों के हौंसले इतने बुलंद हैं कि अपनी बसों को दो दो घंटे बस स्टैंड पर खड़ा कर सवारी भरते हैं। इन अवैध बसों का कोई निश्चित टाइम टेबल भी नहीं है। अवैध बस संचालक दादागिरी करके अपनी बसों को खुलेआम बस स्टैंड पर लगाकर भरते देखे जा सकते हैं। वैध परमिट रखने वाले बस संचालकों ने अनेक बार अवैध बस संचालन की शिकायतें खंडवा आरटीओ से की। आरटीओ विभाग इन अवैध बस संचालकों के विरुद्ध कार्यवाही की हिम्मत नहीं जुटा पाया है। दिखावे के लिए छुटपुट कार्यवाही कर दी जाती है। इसमें आरटीओ विभाग की दिखावे की कार्यवाही साफ नजर आती है। इस कारण वैध परमिट रखने वाले यात्री बस के संचालकों को ईमानदारी की कीमत चुकाना पड़ रही है और भारी आर्थिक हानि उठाना पड़ रही है।
उधर छोटे टेंपो वाले भी दूरदराज के क्षेत्रों से आने वाले
तीर्थयात्रियों से सनावद से ओंकारेश्वर और ओंकारेश्वर से
मोरटक्का का मनमाना किराया वसूलते हैं। लेकिन शासन प्रशासन अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं। इस कारण तीर्थ यात्री अपने आप को ठगा हुआ महसूस करते हैं। इस संबंध में पूछा जाने पर
जगदीश बिल्लौरे एआरटीओ खंडवा ने कहा कि अवैध अवैध परमिट बस की कोई शिकायत आती है तो कार्रवाई की जाएगी रूटीन में भी चेकिंग की जाती है बगैर परमिट बसों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी जो यात्री बसें ओंकारेश्वर जाती हैं,उन बसों की चेकिंग की जाएगी।

ओंकारेश्वर मांधाता से आकाश शुक्ला की रिपोर्ट

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