परितोषित कार्यक्रम के साथ वीर तेजाजी महाराज के मेले का हुआ समापन

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परितोषित कार्यक्रम के साथ वीर तेजाजी महाराज के मेले का हुआ समापन

मेले हमारी संस्कृति के परिचायक मेलों के माध्यम से ही समाज को मेल मिलाप का अवसर मिलता है— उपाध्यक्ष मोतीलाल धाकड़

सिंगोली:- मेले हमारी संस्कृति के परिचायक है मेलों के माध्यम से ही समाज को मेल मिलाप का अवसर मिलता है उक्त बातें नगर परिषद उपाध्यक्ष मोतीलाल धाकड़ ने नगर परिषद द्वारा आयोजित 6 दिवसीय मेले के समापन अवसर पर बुधवार रात परितोषित और सम्मान समारोह में बड़ी संख्या में उपस्थित भक्तजनों और आयोजन समिति सदस्यों के बीच कही श्री धाकड़ ने कहा कि तेजाजी के मन वचन में सत्य की भावना छाई हुई थी समाज सेवा में पर पीड़ा जीव दया और नारी की रक्षा के लिए तेजाजी ने कभी भी अपने प्राणों की परवाह नहीं की लाछा गुर्जरी की गायों को बचाने के लिए डाकुओं से लोहा लिया गायों की रक्षा करते हुए उन्होंने अपने प्राणों का त्याग कर दिया था ओर सांप को दिया हुआ वचन भी निभाया वचन निभाते हुए गौ रक्षा के लिए दिए इस मार्मिक बलिदान के बाद तेजाजी को लोक देवता मानकर पूजा जाने लगा उपाध्यक्ष धाकड़ ने उपस्थित नागरिकों से लोक देवता वीर तेजाजी महाराज के आदर्शो को अपने जीवन में अंगीकार कर उनके बताए मार्ग पर चलने का आह्रवान किया कार्यक्रम को भाजपा जिला महामंत्री अशोक सोनी विक्रम ने भी संबोधित किया इस अवसर पर भाजपा जिला महामंत्री अशोक सोनी विक्रम मेला समिति अध्यक्ष प्रशांत मलिक, समाजसेवी फूलकंवर मलिक सहित मेला कमेटी के समस्त पदाधिकारीगण व नगर के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में 6 दिवसीय वीर तेजाजी के मेले का समापन हुआ।

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