जिला चिकित्सालय में भोजन देने वाले ठेकेदार ने नियमों के विरूद्ध कैंटीन दे दी किराये पर, कलेक्टर से हुई शिकायत

जिला चिकित्सालय में भोजन देने वाले ठेकेदार ने नियमों के विरूद्ध कैंटीन दे दी किराये पर, कलेक्टर से हुई शिकायत

मंदसौर

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जिला चिकित्सालय में भोजन देने वाले ठेकेदार ने नियमों के विरूद्ध कैंटीन दे दी किराये पर, कलेक्टर से हुई शिकायत

साल का 21 लाख रूपये का किराया वसूल कर रहा ठेकेदार

मंदसौर। सरकारी जमीन पर कब्जा करना और फिर उसे बेच देना यह दो मामले गौल चौराहा और महाराणा प्रताप बस स्टेण्ड पर अभी हाल ही में सामने आयें है। इससे बड़ा मामला जिला चिकित्सालय परिसर में चल रहा है जिसे जिला चिकित्सालय में विधायक प्रतिनिधि मनोहर नाहटा ने पकड़ा है।
विधायक प्रतिनिधि मनोहर नाहटा ने बताया कि जिला चिकित्सालय में मरीजों के भोजन देने के लिए इंदौर की एक कम्पनी का ठेका चल रहा है जिसमें उक्त कम्पनी द्वारा जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीजों को भोजन दिया जाता है। जिसका भुगतान जिला चिकित्सालय द्वारा किया जाता है। लेकिन जिला चिकित्सालय परिसर मे एक बड़ा घोटाला हो रहा है जो अब पकड़ में आया है।
श्री नाहटा ने बताया कि जिला चिकित्सालय परिसर  में आगे और पीछे कैटीन संचालित हो रही है। यह कैंटीन जिला चिकित्सालय को टेण्डर प्रक्रिया कर किराये पर देना चाहिए जिसे जिला चिकित्सालय की आय हो लेकिन अभी तो उल्टा ही हो रहा है। इंदौर की भोजन देने वाली कम्पनी ने एक लाख 75 हजार रूपये महीने में दोनों कैंटीन किसी अन्य व्यक्ति को किराये पर दे दी है। पहली बात यह ही भोजन देने वाले टेण्डर की शर्ताे में कही भी कैँटीन का जिक्र नहीं है। वहीं दूसरी बात यह कि सरकारी जमीन कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को किराये पर कैसे दे सकता है। इसका बकायदा अनुबंध भी हुआ है कम्पनी और उस व्यक्ति में। इस अनुबंध के अनुसार 21 लाख रूपये साल इंदौर की कम्पनी उक्त कैटीन सचांलनकर्ता से वसूल कर रही है।
मजे की बात तो यह है कि जिला चिकित्सालय में बैठने वाले मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन ने कभी इस पर कार्यवाही नहीं की। अब इसकी शिकायत विधायक प्रतिनिधि मनोहर नाहटा ने कलेक्टर अदिती गर्ग से की है।

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