प्रधान जिला न्यायाधीश श्रीमती जैन ने किया जिला जेल का औचक निरीक्षण
खण्डवा – राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार 17 मई को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण खण्डवा श्रीमती ममता जैन द्वारा जिला जेल खण्डवा का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान प्रधान जिला न्यायाधीश ने जिला जेल खण्डवा के विभिन्न बैरक में निरूद्ध बंदीगण के रहन-सहन, खान-पान, साफ-सफाई, स्वास्थ्य, विधिक सहायता आदि विषयों के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने महिला बैरक का भी निरीक्षण कर निरूद्ध महिला बंदियों को मिल रही सुविधाओं का जायजा लिया जाकर एक बच्चा जिसकी आयु लगभग 3 वर्ष है जो कि मॉ के साथ निरूद्ध होने से बच्चे की विषेष देखरेख, भरण पोषण व आहार के निर्देश दिये गये। साथ ही उन्होंने जेल में स्थापित रसोई घर, वीडियो कान्फ्रेसिंग कक्ष, डिस्पेंसरी आदि का भी निरीक्षण किया। इस अवसर पर प्रधान जिला न्यायाधीश द्वारा विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त बंदीजनों से मुलाकात कर चिकित्सीय उपचार के संबंध में जानकारी प्राप्त कर बंदियों के लिए शुरू होने वाली टेलीमेडिसिन की प्रगति की जानकारी ली तथा इच्छुक बंदियों की शिक्षा व व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान कराने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए गए।
इस अवसर पर प्रधान जिला न्यायाधीश द्वारा कहा कि यह सर्वविदित है कि कोई भी व्यक्ति महिला या पुरूष जन्म से अपराधी नही होता है और ना ही स्वैच्छा से कारागार में प्रवेश लेता है। समाज में गरीबी, अज्ञानता, भय, क्रोध व दुर्घटनात्मक परिस्थितियों के कारण भी कई बार व्यक्ति से अपराध घटित हो जाते हैं। साथ ही उनके द्वारा बंदियों से कहा गया कि यहाँ से जाने के बाद ऐसा काम दोबारा न करें,जिससे कि यहाँ वापिस आना पड़े।निरीक्षण के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के न्यायाधीश/सचिव श्री यशवंत मालवीय, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री परमानंद चौहान, जेल अधीक्षक श्रीमति अदिति चतुर्वेदी, उप जेल अधीक्षक श्री ललित दीक्षित व विधिक सेवा व जेल स्टॉफ उपस्थित रहा।
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