प्रकृति हमारी आत्मा है, प्रकृति के बिना समस्त मानव जीवन की कल्पना करना असंभव है - श्री नवाते जी, अमृत प्रकृति वंदन कार्यक्रम का हुआ सम्पन्न

प्रकृति हमारी आत्मा है, प्रकृति के बिना समस्त मानव जीवन की कल्पना करना असंभव है – श्री नवाते जी, अमृत प्रकृति वंदन कार्यक्रम का हुआ सम्पन्न

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प्रकृति हमारी आत्मा है, प्रकृति के बिना समस्त मानव जीवन की कल्पना करना असंभव है – श्री नवाते जी, अमृत प्रकृति वंदन कार्यक्रम का हुआ सम्पन्न

सरवानिया महाराज :- शुक्रवार को नीमच जिले के सरवानिया महाराज शहर के सर्वोदय कॉलेज परिसर में पर्यावरण संरक्षण गतिविधि की ओर से अमृत प्रकृति वंदन कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें श्री विनित लक्ष्मण जी नवाथे मालवा प्रांत कार्यवाह, श्री अनिल जी जैन सरसंचालक, श्री यशवंत जी यादव विभाग पर्यावरण प्रमुख जावद खंड के स्वयंसेवक कार्यकर्ता व स्कूली बच्चे उपस्थित थे। सर्वप्रथम विनीत जी नवाथे प्रांत कार्यवाह व अनिल जी जैन सरसंचालक ने प़ेड-पौधों का वंदन व पूजा-अर्चना कर प्रकृति को बचाने का संकल्प लिया। इस दोरान विनित जी नवाथे मालवा प्रांत कार्यवाह ने बताया कि प्रकृति हमारी आत्मा है, प्रकृति के बिना समस्त मानव जीवन की कल्पना करना असंभव है, सृष्टि में जितने भी जीव है, सभी के जीवन के लिए प्रकृति का संरक्षण और संवर्धन जरूरी है। विभाग पर्यावरण प्रमुख श्री यशवंत जी यादव ने स्कूल के बच्चों को प्रकृति वंदन का महत्व समझाते हुए बताया कि राजस्थान के खेजडली जिले में खेजड़ी वृक्ष को बचाने के लिए सन 1730 में श्रीमती अमृता देवी के एक आह्वान पर 363 बिश्नोई समाज महिलाओं और पुरुषों ने आपने प्राण बलिदान कर दिए।समाज को पेड़ बचाने की प्रेरणा दी। यही बलिदान याद करते हुए और समाज को फिरसे एक बार याद दिलाने के लिए कि पेड़ है तो जीवन है यह दिन प्रकृति वंदन दिवस के रूप में मनाया गया,,

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