विधिक सेवा प्राधीकरण एवं गनेड़ीवाल चेरिटेबल ट्रस्ट ने आयोजित किया ई-ट्राईसायकल एवं ई-रिक्शा कार्यक्रम
मन्दसौर। धनबल बहुत लोगों के पास होता है लेकिन परोपकार करने की भावना दिल से होती है। पैसा हो या नहीं इससे फर्क नहीं पड़ता है लेकिन भावना से किया गया परोपकार ही मायने रखता है। उक्त उद्गार आज प्रदेश के उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति माननीय श्री सुबोध अभ्यंकर ने मन्दसौर में आयोजित विधिक सेवा प्राधीकरण मन्दसौर एवं गनेड़ीवाल चेरिटेबल ट्रस्ट ने संयुक्त रुप से दिव्यांगजन हेतु ई-ट्राईसायकल एवं विधवा व परित्यक्ता महिला हेतु ई-रिक्शा वितरण कार्यक्रम में व्यक्त किये। माननीय न्यायाधिपति श्री अभ्यंकर ने कहा कि मानव सेवा के लिए जो काम गनेड़ीवाल चेरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमेन श्री प्रदीप गनेड़ीवाल कर रहे हैं वह परोपकार की भावना समाज को नई दिशा में ले जाएगी। मन्दसौर में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि न्यायाधिपति श्री सुबोध अभ्यंकर, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय, इन्दौर, माननीय न्यायाधीश श्री कपिल मेहता, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मन्दसौर, श्रीमति अतिदि गर्ग, कलेक्टर, मन्दसौर, श्री अभिषेक आनन्द, पुलिस अधीक्षक, मन्दसौर एवं गनेड़ीवाल चेरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमेन श्री प्रदीप जी गनेड़ीवाल रहे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से की गई तत्पश्चात् अतिथियों का स्वागत गनेड़ीवाल चेरिटेबल ट्रस्ट के स्मृति चिह्न देकर किया गया। अतिथियों का स्वागत उद्बोधन ट्रस्ट के चेयरमेन श्री प्रदीप गनेड़ीवाल द्वारा दिया गया जिसमें उन्होंने ट्रस्ट की गतिविधियों के बारे में संक्षिप्त उद्बोधन दिया और सभी अतिथियों के आगमन पर धन्यवाद् प्रेषित किया। इस अवसर पर माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश श्री कपिल मेहता ने अपने उद्बोधन में ट्रस्ट के कार्य को सराहा। कलेक्टर श्रीमती अदिति गर्ग ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज न्याय, समाज और मानवता का संगम हुआ है। सभी अगर मिलकर कार्य करें तो ही समाज का उत्थान सम्भव है। श्रीमती गर्ग ने गनेड़ीवाल चेरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा महिला सशक्तिकरण के जो कार्यक्रम चल रहे हैं उसकी प्रशंसा की। पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक आनंद ने भी अपने उद्बोधन में ट्रस्ट की गतिविधियों की प्रशंसा की।
इस कार्यक्रम में 20 दिव्यांगों को ई-ट्राईसायकल एवं 12 ई-रिक्शा हितग्राहियों को माननीय न्यायमूर्ति श्री सुबोध अभ्यंकर के कर कमलों द्वारा दिया गया। इस कार्यक्रम में मन्दसौर न्याय विभाग के सभी न्यायाधीश उपस्थित रहे साथ ही वात्सल्य पब्लिक स्कूल परिवार एवं 71 ई-रिक्शा चालक महिलाएँ उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान ई-रिक्शा की महिला चालकों से माननीय न्यायमूर्ति ने उनके अनुभव पूछे और क्या-क्या दिक्कतें आती हैं, उसके बारे में जाना। मंच संचालन वात्सल्य पब्लिक स्कूल की शिक्षिकाओं द्वारा किया गया एवं आभार ट्रस्ट के पदाधिकारी द्वारा व्यक्त किया गया।
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