कलयुग की शबरी उर्मिला चतुर्वेदी जी, जिन्होंने श्री राम मंदिर के लिए 28 साल पहले त्याग दिया था अन्न, 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विवादित ढ़ांचे को गिरा दिया गया था, उस वक्त हुए विवाद को लेकर जब खून – खराबा हुआ तब उर्मिला चतुर्वेदी जी विचलित हो गई थी, तब इन्होंने संकल्प लिया कि जब तक अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण शुरू नहीं हो जाता तब तक ये अन्न ग्रहण नहीं करेगी, उर्मिला चुतर्वेदी जी मूलरूप से मध्यप्रदेश के जबलपुर के विजय नगर इलाके की रहने वाली हैं। बीते 30 साल से ये अन्न की बजाय सुबह चाय, दिन में ऋतुफल (Sessional fruits), दूध और मठा ले रही हैं, जब अयोध्या विवादित भूमि को लेकर कोर्ट का फैसला आया तब भी ये अपने फैसले पर अड़िग रही और बोली कि वे अयोध्या में भगवान श्रीरामजी के मंदिर में उनके दर्शन के बाद ही अपना उपवास तोडे़गी,
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