जय आदिवासी युवा शक्ति द्वारा इंजी. विलेश खराड़ी की रिहाई के लिए दिया ज्ञापन

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जय आदिवासी युवा शक्ति द्वारा इंजी. विलेश खराड़ी की रिहाई के लिए दिया ज्ञापन

समाज ने ज्ञापन में खराड़ी की रिहाई के साथ ही मप्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की

जावरा । जयस जावरा द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जावरा, कार्यालय में तहसीलदार संदीप इवने को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया गया। धर्मपूर्वी इंजीनियर विलेश खराड़ी राजनीतिक चलते निर्दोष व्यक्ति पर किए FIR तथा दोषमुक्त  मामलों पर भी संवैधानिक और राजनीतिक दृश्य राजनेताओ के इशारों पर देश के सर्वाधिक कानून राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के जीवन जीने का अधिकार को उल्लंघन के रोकथाम हेतु रिहाई की मांग की।

अनुसूचित क्षेत्रों में CRPC 1973 का आदिवासी (अनुसूचित जनजातियों) के रीति रिवाज और परंपरा, अनु 13(3) क स्थानीय विधि (local law in force), विद्यमान विधि (existing law) तथा CRPC 1973 के सेक्शन 5 के अनुसार विस्तार तथा अनुसूचित जनजातियों पर अब तक लगाए गए मुकदमे, केस वापस लेकर संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकार अनु 21 के संरक्षण हेतु मांग करते हैं

यह क्षेत्र(बाजना) संविधान के 5 वी अनुसूची, अनु 244 (1) क्षेत्र है, जहां संविधान के 5 वी अनुसूची के प्रावधान / अनु 244(1) के पैराग्राफ 5 (1) के तहत विशिष्ट अधिनियम यानी क्रिमिनल प्रोसीजर कोड 1898 तथा CRPC 1973 नागालैंड के जैसे लागू नही है, जिस प्रकार 5 वी अनुसूचित राज्य आन्ध्र प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट में डाले गए केस WP CIVIL no 324/2003 by A. Sadguru Prasad के बाद आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ने ट्राईबल एडवाइजरी काउंसिल के सलाह अनुसार सीआरपीसी 1973 का विस्तार अनुसूचित क्षेत्रों में उनके स्थानीय रूडी प्रथा और अंग्रेजो के द्वारा लागू विधि के अनुसार वर्ष 2004 में किया क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश मैं सीआरपीसी 1973 को पांचवी अनुसूची के पैराग्राफ 5(1) के तहत विस्तार करने का आदेश दिया गया था।

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जिला प्रशासन द्वारा  में षड्यंत्र के तहत स्थानीय प्रशासन, क्षेत्र के राजनेताओं के राजनीतिक इशारों पर द्वारा वर्तमान में NSA के तहत समाजसेवी इंजीनियर विलेश खराड़ी भील की कस्टडी 6 महीने से बढाकर 9 महीने किया गया जिससे पूरे भारत के आदिवासी समुदाय पक्षपात से खुद को निराश महसूस कर रहा है, और आक्रोशित महसूस कर रहा है।

जमानत के कानूनी प्रावधान जमानती अपराधों में जमानत (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 479) किसी विचाराधीन कैदी को अधिकतम कारावास अवधि का आधा समय तक हिरासत में रखा जा सकता है। पहली बार अपराध करने वालों को अधिकतम कारावास अवधि के एक तिहाई से अधिक समय तक हिरासत में रखने पर जमानत दी जाएगी। NSA कानून में अधिकतम कारावास 1 साल की है जहां 6 महीने की कस्टडी समाजसेवी विलेज खराड़ी पूर्ण कर चुका है इस प्रकार इस धारा के अनुसार आधा समय व्यतीत कर चुकने के कारण उसकी जमानत कहीं से भी गलत नहीं है। इसलिए सभी सामाजिक साथियों द्वारा इंजी. विलेश खराड़ी की रिहाई के साथ  मांग राष्ट्रपति से की गई।

ज्ञापन का वाचन विनोद गणावा ने किया साथ में बड़ी संख्या में सामाजिक साथी उपस्थित रहे। बंकट धांगड़,किशन मईड़ा,धर्मेंद्र खेर, अशोक खेर, आशीष गुजराती, भेरू लाल गुन्द्रावत, राकेश खराड़ी, संदीप खराड़ी,  जितेंद्र राणा, प्रेम गुजराती, बंसी निनामा, कान्हा निनामा

समरथ डिंडोर, तुलसीराम निनामा, दशरथ डिंडोर, तेजू मेवाड़ा, नागेश्वर, छगन लाल, रमेश जी निनामा, पवन निनामा, चंपकलाल, धर्मेंद्र गुन्द्रावत, नागेश्वर चौहान आदि सामाजिक साथी उपस्थित रहे।

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