सिंगोली में हो रहा है भारतीय मुद्रा का अपमान और बहिष्कार

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सिंगोली में हो रहा है भारतीय मुद्रा का अपमान और बहिष्कार

व्यापारी नहीं कर रहे हैं एक-दो और पाँच के सिक्कों का लेनदेन

सिंगोली:-मध्यप्रदेश और पड़ौसी प्रान्त राजस्थान में धड़ल्ले से चल रही भारतीय मुद्रा का सिंगोली में न केवल अपमान हो रहा है बल्कि एक तरह से इसका बहिष्कार भी कर दिया गया है क्योंकि स्थानीय व्यापारियों द्वारा एक-दो और पाँच के सिक्कों का लेनदेन नहीं किया जा रहा है जो आमजन के लिए परेशानी का सबब बन गया है।प्राप्त जानकारी के मुताबिक पड़ौसी प्रान्त राजस्थान सहित यहाँ से मात्र 28 किमी दूर स्थित नीमच जिले के रतनगढ़ और इसके नजदीक स्थित डीकेन कस्बे में यह भारतीय मुद्रा पूरे सम्मान के साथ चलन में है लेकिन इसके विपरीत सिंगोली कस्बे में व्यापारियों ने कम मूल्य की इस मुद्रा का चलन बन्द कर दिया है जिससे आम जनता इससे परेशान हैं।जानकारी मिली है कि राजस्थान के सभी गाँवों-कस्बों और शहरों के अतिरिक्त नीमच जिले में भी कई अन्य जगहों पर एक-दो और पाँच के सिक्कों का व्यापारियों एवं आम जनता द्वारा लेनदेन किया जा रहा है लेकिन सिंगोली में बड़ी विचित्र स्थिति है और यहाँ पर एक-दो और पाँच के सिक्कों का लेनदेन पूरी तरह से चलन से बाहर कर दिया है जिसके चलते कम दामों में खरीदी जाने वाली वस्तुओं को लेकर आम उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन इस मामले को लेकर न तो कोई बोलने वाला है और न कोई सुनने वाला है जिसके परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं को परेशानियों के साथ साथ आर्थिक शोषण का शिकार भी बनाया जा रहा है और इस प्रकार एक/दो या पाँच रुपये में बिकने वाली वस्तु के लिए दुकानदार को 10 रूपये देना पड़ते हैं और न चाहते हुए भी बिना जरूरत के बाकी पैसों की दूसरी वस्तु खरीदना पड़ रही है इसलिए जिम्मेदार स्थानीय प्रशासन को इस समस्या के समाधान के लिए उचित कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।सार्वजनिक हित को दृष्टिगत रखते हुए सिंगोली कस्बे में प्रशासन को डोंडी पिटवाकर तथा व्यापारियों को समझाइश देकर कम कीमत की एक/दो और पाँच रूपये की मुद्रा का चलन फिर से शुरू करवाना चाहिए अन्यथा एक ओर जहाँ चलित मुद्रा का अपमान और बहिष्कार किया जा रहा है वहीं कम कीमत की वस्तुओं को खरीदने के लिए भी अधिक दाम चुकाने की आम जनता की मजबूरी बन गई है।

महेंद्र सिंह राठौड़

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