नीमच। आज के इस भौतिकवादी युग में पुरानी परंपरा और रीति-रिवाज के साथ आम जन जीवन में भी बदलाव आता जा रहा है।
समय के साथ परिवर्तन भी होना चाहिए। और हर क्षेत्र में कुछ नया हो रहा है। लेकिन आज के इस जमाने में कुछ खानदानी जूनुन वाले शौकीन लोग भी हैं जो कि आज भी कुछ ना कुछ करते रहते हैं।
एसे ही शौकीन मिजाज के धनी हैं,, शब्बीर हुसैन कुरैशी,,,,।
नीमच सिटी माधवगंज मोहल्ला निवासी शब्बीर भैया।
अपने जमाने में दिलीप कुमार और राजकुमार के दीवाने प्रशंसक रहे हैं।
किंतु,,मेरा गांव मेरा देश,, फिल्म के बाद तो ये भी,, विनोद खन्ना के प्रशंसक हो गए।
1975 में इस फिल्म के विनोद खन्ना के डाकू वाले किरदार के रोल में शब्बीर भैया ने एक फोटो सेशन कराया था जो आज भी इनके पास है।
इनको शुरू से ही अच्छी नस्ल के घोड़े पालने का शौक रहा है।
आज के कार जीप के इस युग में तांगा विलुप्त हो चुका है। पूरे शहर में ढूंढने पर भी इक्का दुक्का तांगा ही नजर आते हैं।
या यूं कहें कि नीमच एवं आसपास के क्षेत्र में तांगा और तांगे वाले विलुप्त हो चुके हैं।
ऐसे में शब्बीर भैया ने ठेठ भारतीय संस्कृति में राजा महाराजाओं के जमाने से चले आ रही तांगे की सवारी की परंपरा को जीवित करते हुए आज के इस दौर में,,, एक नया तांगा बनवाया है और उसके लिए नया घोड़ा भी लाया गया है।
शब्बीर भैया ने जानकारी देते हुए बताया कि अपने जमाने की फिल्म नया दौर के समय से ही वह तांगे के प्रशंसक रहे हैं।
अभी उन्होंने नया तांगा बनवाया है और नया घोड़ा भी खरीदा है।
दिनांक 20 मार्च 2024 बुधवार को वह सबसे पहले अपना नया नवेला बेमिसाल तांगा घोड़ा लेकर,,, नीमच से अजमेर,,, की यात्रा पर निकले।
बुधवार को सुबह वह अपने लग्जरी तांगे को लेकर शहर के प्रमुख मार्ग से निकले जहां उनके पुराने मित्रों साथियों ने उन्हें भावभीनी विदाई दी और यात्रा सफल की शुभकामनाएं दी।
इस प्रकार आज के इस भौतिकवादी युग में पुरानी परंपरा अनुसार शब्बीर भैया नीमच सिटी वाले अपने बेमिसाल तांगा घोड़ा को लेकर अजमेर की ओर रवाना हुए।
नीमच सिटी सहित शहर वासियों ने उन्हें बधाई देते हुए शुभकामनाएं दी है।
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