पहले माह में ही लगभग 4 लाख 92 हजार हितग्राही लाडली बहनों के हितों पर डाका,
मंदसौर जिले में भी लाडली बहनो को ऐनकेन प्रकारेण बाहर करने के मामले सामने आने लगे,
मंदसौर। बुधवार को ’मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग अध्यक्ष श्री के के मिश्रा ने लाडली बहना योजना के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि यदि 1576 करोड़ रुपयों की राशि में 1250 का भाग दिया जाए तो कुल वास्तावित लाडली बहनों की संख्या 1 करोड़ 26 लाख 8 हजार होती है, जो सीधी तौर पर 4 लाख 92 हजार बहनों के अंतर को दर्शाता है। इन स्थितियों में मुख्यमंत्री बताएं कि उनकी सरकार बनते ही मात्र एक माह में 4 लाख 92 हजार बहनें कहाँ गायब हो गई’? इधर मंदसौर जिले में भी लाडली बहना योजना में पात्र हितग्राहियो को ऐनकेन प्रकारेण बाहर करने की शिकायते लगातार सामने आने लगी है। पात्र महिला हितग्राहियो को स्वयं योजना का लाभ त्याग करने संबंधी हवाला देकर उन्हें योजना का लाभ से बाहर किया जा रहा है।
जिला कांग्रेस प्रभारी महामंत्री एवं प्रवक्ता श्री सुरेश भाटी ने बताया कि मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के मिडीया प्रभारी श्री केके मिश्रा ने तथ्यो के साथ यह दावा किया था कि पूर्ववर्ती शिवराज सरकार ने इस योजना को लागू करते हुए आधिकारिक तौर पर वास्तविक हितग्राही बहनों को संख्या 1 करोड़ 31 लाख बताई थी’। ’मोहन सरकार के शपथ लेने के बाद पहली बार सरकार ने आज सार्वजनिक किया है कि एक करोड़ 29 लाख बहनों के खातों में 1576 करोड़ रुपए हस्तांतरित हुए हैं। यानी सरकार ने ही दो लाख बहनों की संख्या 1 माह में ही कम होना स्वीकार किया है’…. ’किंतु हकीकत इससे जुदा है’…..?
श्री भाटी ने कहा मंदसौर जिले के सीतामऊ विकासंखड के ग्राम निपानिया में पिछले दिनों लाडली बहना योजना में पात्र हितग्राही श्रीमती यशोदा गुर्जर द्वारा लाडली बहना की राशि खाते में नही आने की शिकायत महिला एवं बाल विकास विभाग को दर्ज करवायी, किन्तु समाधान नही होने पर सीएम हेल्पलाईन में शिकायत करने पर विभाग ने यह जवाब दे दिया कि हितग्राही ने स्वयं लाडली बहना योजना में लाभ लेने से इंकार कर दिया है। इस जवाब के पात्र पात्र हितग्राही विभिन्न विभागो में चक्कर लगा रही है लेकिन समाधान नही हो रहा हैैं।
श्री भाटी ने कहा कि भोपाल से लेकर मंदसौर तक विधानसभा चुनाव होने के उपरांत सरकार स्वयं महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से पात्र महिला हितग्राहियो की छटनी करने में तुला हुआ है ताकी खजाने को बचाकर डाॅ मोहन यादव सरकार एवं उनके मंत्रियो के बंगलो की रिपेरिंग सहित अन्य अनावश्यक खर्च शुरू किये जा सके।
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