किसान लक्ष्मीनारायण परंपरागत खेती को छोड़ आधुनिक खेती से कमा रहे सालाना 20 लाख

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किसान लक्ष्मीनारायण परंपरागत खेती को छोड़ आधुनिक खेती से कमा रहे सालाना 20 लाख

25 से 30 लोगों को देते हैं रोजगार

मंदसौर – मंदसौर, जग्गा खेड़ी के रहने वाले किसान श्री लक्ष्मीनारायण माली एक समय परंपरागत तरीके से खेती किया करते थे। लेकिन अब शेडनेट हाउस में पौध तैयार कर फूलो जैसे गेंदा, गुलाब, सेवंती, नवरंगा एवं बिजली आदि की खेती, सब्जियों की खेती के साथ दूसरी तरफ नर्सरी में पौधे तैयार कर कृषको को पौध विक्रय भी करते है। इनका साल भर का एक करोड़ का टर्नओवर है और अब ये दोनों विधियों से 20 से 25 लाख रुपए कमा रहे है। इस कार्य के लिए इन्होंने कृषि टूर भी किया। इसके लिए पुणे, दिल्ली, इंदौर अलग-अलग स्थान पर गए तथा नई आधुनिक तरीके से कैसे खेती की जाती है उसके बारे में जानकारी ली और प्रशिक्षण प्राप्त किया।

किसान लक्ष्मीनारायण कहते हैं कि, एक समय में परंपरागत तरीके से खेती किया करते था, लेकिन जितना खर्च लगता था। उतनी आय नहीं होती थी। फिर उन्होंने आधुनिक तरीके से खेती करना प्रारंभ किया। यह अपने खेत में फूलों की खेती करते हैं। साथ ही नर्सरी में फूलों के पौधे भी तैयार करते हैं। फूलों में मुख्य रूप से गुलाब, गेंदा, सेवंती, बिजली, नवरंग अन्य तरह-तरह के फूलों की खेती करते हैं। इनका कहना है कि हर तरह के फूल अपने खेत में लगाते हैं। जिससे खेत से फूल वर्ष पर आते रहे। और उससे नियमित आय मिलती रहे।

शेडनेट हाउस में पौधे तैयार करके ये अन्य कृषकों को भी बेचते हैं। जिससे साल भर में 5 से 7 लाख रुपए की आय इससे प्राप्त हो जाती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह कृषकों को पौधे बेचने के साथ उन कृषक से सभी तरह के उत्पादित फूल खरीद लेते है। जिससे उन कृषकों को भी फूलों को बेचने में परेशानी नहीं होते हैं और किसी विशेष मंडी की तलाश भी नहीं रहती है। खरीदने के बाद इन फूलों को भारत के विभिन्न शहरों दिल्ली, मुंबई, जयपुर, अजमेर, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र अलग-अलग स्थान पर 10 से 130 रुपए किलो तक बेचते हैं। जिससे इनको बहुत अच्छी आय प्राप्त होती हैं।

अपने 40 बीघा जमीन पर ये फूलों की खेती करते हैं। साथ ही निजी एवं लीज पर लेकर भी यह फूलों की खेती करते हैं। इन्होंने लगभग 30 से 40 लोगों को रोजगार भी दे रखा है।

इन्होंने उद्यानिकी विभाग के माध्यम से ड्रिप सिंचाई एवं मल्चिंग का लाभ लिया है। जिसमें इनको अनुदान मिला है। शासन की योजनाओं का भरपूर लाभ प्राप्त किया है। इनका कहना है कि ड्रिप सिंचाई के माध्यम से पानी की बहुत कम आवश्यकता होती है। साथ ही उत्पादन भी बहुत ज्यादा होता है।

फूलों की खेती के साथ-साथ ये सब्जियों की खेती भी करते हैं। जिसमें टमाटर, लौकी, मिर्ची, खीरा तरह-तरह की सब्जियां उगाते हैं। गर्मी के समय में खास तौर पर खरबूजा और तरबूज की खेती भी करते हैं।

किसान लक्ष्मी नारायण अपने साथ-साथ अन्य किसानों को भी आधुनिक खेती के लिए प्रेरित करते हैं। अब तक 100 से 200 किसानों को इस संबंध में प्रशिक्षण स्वयं दे चुके हैं। किसी भी किसान की मदद करने में बिल्कुल भी देरी नहीं करते हैं। तकनीकी सलाह, दवाई की सलाह, पौधा रोपण, उत्पादन, कीटनाशक अन्य तरह-तरह की सलाह देते हैं। प्रशिक्षण हेतु राज्य के साथ-साथ राज्य के बाहर के किसान भी प्रशिक्षण के लिए आते हैं। सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि, किसानों को निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। किसी भी तरह का शुल्क किसानों से नहीं लेते हैं।

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