कड़ाके की ठंड में भी ईट भट्टी मजदूर सुबह 3 बजे पहुंच जाते हे अपने काम पर
मोरवन:- एक ओर जहां ठंड से लोगों का घर से निकलना दुश्वार हो गया हे वहीं कड़ाके की ठंड में भी ईट भट्टे पर काम करने वाले मजदूर सुबह काम पर निकल जाते हैं।
इस कड़कड़ाती ठंड में भी ईट भट्टे पर मजदूरों को काम करने के लिए बाध्य हे क्यों कि उनका जीवन बसर इसी से होता है।गांवों के मजदूर भीषण ठंड में भी सुबह 3 बजे हाफ पेंट पहनकर गीली मिट्टी को मिलाते ईट भट्टों पर काम करते देखा जा सकते हैं।राम लाल भील,अर्जुन ने बताया कि ठंड हो या गर्मी हम शाम को ईट बनाने की मिटी को एक गड्ढे में गिला छोड़ देते हे फिर सुबह 3 बजे पहुंच कर मिट्टी को मिला कर बाहर निकालते हैं फिर उस मिट्टी से ईंटे बनाई जाती हे। गौरतलब है कि मोरवन के आसपास कहीं ईट भट्टे हैं जहां पर सैकड़ो की तादाद में लोग मजदूरी करते हैं इस मजदूरी से ही उनका भरण पोषण होता है।