लोकतंत्र की आत्मा है आंचलिक पत्रकारिता : अनिल सक्सेना
प्रतापगढ़ में आंचलिक पत्रकारिता पर परिचर्चा-संवाद सम्पन्न
प्रतापगढ़, राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम के बैनर तले शनिवार को सूचना केंद्र, प्रतापगढ़ में “आंचलिक पत्रकारिता : समस्या, संघर्ष और भविष्य” विषय पर परिचर्चा-संवाद का आयोजन हुआ। यह आयोजन प्रदेशभर में चल रहे “21वीं सदी के राजस्थान साहित्यिक आंदोलन” की श्रृंखला का हिस्सा था। कार्यक्रम की अध्यक्षता आंदोलन के संस्थापक, वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार अनिल सक्सेना ‘ललकार’ ने की।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में मुख्य वक्ता अनिल सक्सेना ने कहा—
“आंचलिक पत्रकारिता भारतीय लोकतंत्र की आत्मा है, क्योंकि यह आमजन की नब्ज़ को पहचानती है और गाँव–कस्बों की असली समस्याओं को उठाती है। जहाँ राष्ट्रीय मीडिया बड़े मुद्दों में उलझा रहता है, वहीं आंचलिक पत्रकारिता सड़क, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और जनजीवन की आवाज़ बनती है। यही इसकी सबसे बड़ी ताकत है।”
मुख्य अतिथि संजय जैन ने कहा- आज आंचलिक पत्रकारिता आर्थिक संकट, संसाधनों की कमी और सत्ता-दबाव जैसी चुनौतियों से जूझ रही है। कई बार स्थानीय दबंग तत्व पत्रकारों को सच लिखने से रोकते हैं, फिर भी क्षेत्रीय पत्रकारों ने सच्चाई का साथ नहीं छोड़ा। विशिष्ट अतिथि मेवाड़ प्रेस क्लब और प्रतापगढ़ पत्रकार संगठन के जिलाध्यक्ष मनोज राठौर ने साहित्यिक आंदोलन में पत्रकारों की सहभागिता की सराहना की। विशिष्ट अतिथि हरीश व्यास ने गीत सुनाकर पत्रकारिता पर प्रकाश डाला।
डिजिटल युग की चुनौतियाँ और अवसर
वक्ताओं ने माना कि डिजिटल युग ने आंचलिक पत्रकारिता के सामने नई चुनौतियाँ रख दी हैं। सोशल मीडिया और बड़े न्यूज़ पोर्टल्स के दौर में छोटे अख़बार और चैनल अपनी पहचान बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
कार्यक्रम का संचालन पत्रकार गिरीश पालीवाल ने किया। आयोजन की सफलता में राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम के प्रदेश सचिव गिरीश पालीवाल और जिलाध्यक्ष हर्षवर्धन जोशी का विशेष योगदान रहा।
इन्होंने अपने विचार प्रकट किए पत्रकार अरुण वोरा ‘फोजी’ विवेक उपाध्याय, हितेश उपाध्याय, मंगल मेहता, अनिल टाक, पंकज गोयल, यूनुस अहमद मंसूरी, तेजकरण राठौड़, कवि सुरेन्द्र सुमन ,चंद्रशेखर मेहता और महेश राव, अनिल जटिया ने भी अपने विचार साझा किए।
इस परिचर्चा-संवाद में पत्रकारों, साहित्यकारों और मीडिया से जुड़े युवाओं ने भाग लिया। वातावरण संवादप्रधान, जीवंत और जनपक्षधर पत्रकारिता के भविष्य को समर्पित रहा।
ब्यूरो चीफ अनिल जटिया अनिल जटिया