खेतों में नरवाई जलाने वाले 132 कृषकों पर लगाया गया जुर्माना
जिला एवं विकासखंड स्तरीय विभागीय अमले का दल बनाकर किया कर्तव्यस्थ
खण्डवा – पर्यावरण सुरक्षा हेतु नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशानुसार वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 अन्तर्गत जिले में गेहूँ एवं अन्य फसलों की कटाई उपरांत फसल अवशेषों को खेतों में जलाये जाने को प्रतिबंधित किया गया है। उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विभाग अधिकारी श्री के.सी. वास्केल द्वारा बताया गया कि जिला एवं विकासखंड स्तरीय विभागीय मैदानी अमले का दल बनाकर कर्तव्यस्थ किया गया है। विभागीय मैदानी अमले द्वारा ग्रामों में सार्वजनिक स्थान पर आदेश चस्पा कर, पम्पलेट वितरण कर एवं ग्रामों में मुनादी करवा कर किसानों को फसल अवशेष खेतों में न जलाने हेतु जागरूक किया जा रहा है।
उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विभाग अधिकारी श्री वास्केल ने बताया कि किसी व्यक्ति/निकाय द्वारा निर्देशों का उल्लंघन किया जाता है, तो नोटिफिकेशन अनुसार पर्यावरण क्षतिपूर्ति राशि सम्बंधित व्यक्ति/निकाय से 2 हजार 500 सौ रुपये से लेकर 15 हजार रुपये तक दंडस्वरूप वसूल किये जाने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक कृषकों द्वारा नरवाई जलाने पर तहसील खंडवा के 32 कृषकों से 85 हजार रुपये, तहसील पंधाना के 2 कृषकों से 7 हजार 5 सौ रुपये, तहसील पुनासा के 8 कृषकों से 53 हजार 5 सौ रुपये, तहसील खालवा के 8 कृषकों से 22 हजार 5 सौ रुपये एवं तहसील हरसूद के 82 कृषकों से 4 लाख 13 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इस प्रकार कुल 5 लाख 81 हजार 5 सौ रुपये पर्यावरण क्षति दंडस्वरूप वसूल किये गए हैं।
उप संचालक कृषि श्री के.सी. वास्केल द्वारा जिले के समस्त कृषक बंधुओं से अपील की है कि गेंहू, मक्का एवं गन्ना फसलों की कटाई उपरांत फसल अवशेषों को खेतों में न जलायें। कृषक बंधुओं को सूचना प्राप्त होने के पश्चात नोटिफिकेशन प्रावधान अनुसार पर्यावरण क्षतिपुर्ति राशि जिसमें 2 एकड़ तक भूमि वाले कृषकों को 2 हजार 5 सौ रूपये, 2 से 5 एकड़ तक भूमि वाले कृषकों को 5 हजार रूपये एवं 5 एकड़ से अधिक भूमि वाले कृषकों को 15 हजार रूपये तक का दण्ड प्रावधान निर्धारित किया गया है।
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