जिनशासन का एक सितारा ओर अस्त हुआ, दुर्घटना मे जैन संत श्री मदन मुनी का हुआ देहांत
सिंगोली नगर मे शौक की लहर, चित्तौडगढ़ के सेंती मे हुआ अंतिम संस्कार।
सिंगोली:- संयम पथ पर निरन्तर आगे कदम बढ़ा रहे ज्ञानगच्छाधिपति पूज्य गुरूदेव श्रुत पंडित रत्न श्री प्रकाश चन्द्र जी म.सा. के आज्ञानुवर्ती संत सिंगोली के गौरव पूज्य श्री मदनमुनि जी म.सा का 1 जून को चितौडगढ़ की ओर विहार करते समय सतखंडां के पास एक ट्रोले ने पैदल विहार कर रहे पूज्य मदनमुनि जी को चपेट मे ले लिया जिससे उनका देहांत हो गया घटना के समय आपके साथ आपके सांसारिक पुत्र एवं पूज्य श्री संदीप मुनी जी म.सा भी साथ ही विहार कर रहे थे। दुर्घटना के तुरंत बाद राह चलते लोगो ने पुलिस ओर समाजजनो को सूचना दी सूचना मिलते ही पुलिस तथा समाजजन मौके पर पहुंचे और दुर्घटना मे गंभीर घायल मदनमुनि जी को एम्बुलेंस द्वारा चितौडगढ़ सांवलिया हॉस्पिटल लेकर आए जहा डाक्टरो ने पूज्य श्री मदनमुनि को मृत घोषित कर दिया। एक्सीडेंट से मदनमुनि का देवलोक होने खबर मिलते ही समाजजनो मे शौक की लहर छा गई। ज्ञात रहे मदनमुनि जी म.सा सिंगोली नगर के मुल निवासी थे और अच्छी पढ़ाई कर आप इंजीनियर बने और सरकारी नौकरी की नौकरी मे आपने अच्छा नाम कमाया नौकरी पुरी करने के बाद आपने अपने तथा अपनो का जीवन सुधारने की मन मे ठानी और आप स्वंय और आपके बड़े पुत्र संदीप जी ओर सुपुत्री आराधना जी ने जिनशासन को दीपाने के लिए संयम मार्ग अपनाया और संयम के मार्ग पर चलते हुए ज्ञानगच्छ मे दिक्षित होकर जिनशासन की शान बढ़ाई। आपने अपने संयम जीवन मे भी जिनवाणी के बताए मार्ग पर चलकर अपनी आत्मा का उद्धार करने का लक्ष्य रखा आपने संयम जीवन बहुत ही जागरूक और कर्मठता के साथ पुरा किया। जिनशासन के सितारे पूज्य मदनमुनि जी की महाप्रयाण यात्रा चितौडगढ़ सेंती के सुधर्म भवन से निकली :- पूज्य गुरूदेव श्री मदनमुनि जी म.सा की महाप्रयाण यात्रा रविवार सुबह 8-30 बजे चितौडगढ़ के सुधर्म भवन सेंती से मोक्षधाम सेंती के लिए निकली महाप्रयाण यात्रा मे सिंगोली, बेंगू, बिजोलिया, नीमच, जावद, सरवानिया, मोरवन, भीलवाडा, इन्दौर, मन्दसौर, रतलाम, चितौडगढ़, राश्मि, कपासन, पहुंना, पारसोली गंगरार,ब्यावर, अजमेर,जोधपुर, आदी स्थानो के श्रावक श्राविकाओ ने पहुंच कर श्रृद्धा सुमन अर्पित करते हुए पूज्य गुरूदेव श्री मदनमुनि जी म.सा को अपने अंतिम लक्ष्य मोक्ष प्राप्ति की कामना की। मदनमुनि के रूप मे जिनशासन का एक ओर सितारा अस्त हुआ :- विगत कुछ दिनो से लगातार जैन साधु साध्वियो का देवलोक गमन हो रहा है जिसमे कुछ का भीषण गर्मी से तो कुछ का एक्सीडेंट मे देवलोक गमन होने की घटनाओ से जैन समाज को भारी क्षति हुई है।
जिनशासन के अनमोल रत्नो का यु जाना भारी नुकसान दायक है।
महेंद्र सिंह राठौड़
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