ब्रह्म मुहूर्त में षटदर्शन संत मंडल ने बाबा को जल अर्पित किया
डेढ़ लाख श्रद्धालुओं के आने के इंतजाम प्रशासन ने किया।
“1 लाख श्रद्धालु भी नहीं पहुंच पाए”
जगह-जगह फलाहारी भंडारों के हुए आयोजन।
तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में भक्तों का जनसैलाब उमड़ा। सुदूरवर्ती क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने नर्मदा में पवित्र स्नान किया और मंदिरों में भगवान शिव की आराधना की। इंदौर छावनी की संत सेवा समिति द्वारा अन्नपूर्णा आश्रम में हजारों भक्तों को फलाहार वितरित किया गया। समिति के सुनील लश्करी ने बताया कि परमपूज्य स्वामी सच्चिदानंद गिरी जी महाराज की प्रेरणा से पिछले 32 वर्षों से महाशिवरात्रि पर्व फलाहारी भंडारे का आयोजन किया जा रहा है।
मारकंडेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों द्वारा लघु रुद्र अनुष्ठान का आयोजन किया गया। अनुष्ठान में हजारों भक्तों ने भाग लिया।
शिवरात्रि पर आने वाले भक्तों कोअन्नपूर्णा आश्रम में स्वामी सच्चिदानंद गिरी जी महाराज द्वारा अभिमंत्रित रुद्राक्षका वितरण भी किया इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिला पुरुष आश्रम पहुंचे
पुण्य सलिला नर्मदा के पावन तट पर सुप्रसिद्ध ओंकारेश्वर तीर्थ एवं ज्योतिर्लिंग ममलेश्वर स्थित है। इसके अलावा ओंकारेश्वर में भगवान शिव के अनेक मंदिर हैं। ओंकारेश्वर में नर्मदा के उत्तर तट पर मांधाता पर्वत की गोद में स्थित ज्योतिर्लिंग भगवान ममलेश्वर और दक्षिण तट पर स्थित अति प्राचीन एवं दिव्य ओंकारेश्वर मंदिर विश्व के करोड़ों भक्तों के हृदय में एक विशेष स्थान रखता है।
ज्योतिर्लिंग ममलेश्वर भगवान शिव के 12 प्रतिष्ठित ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है।इसी प्रकार
ओंकारेश्वर मंदिर सिर्फ एक पूजा स्थल से कहीं अधिक है। यह मंदिर दिव्य आध्यात्मिकता और भक्ति का प्रतीक है।
“ओंकारेश्वर” शब्द संस्कृत के दो शब्दों “ओम्” और “ईश्वर” से मिलकर बना है। “ओम्” सार्वभौमिक,
सर्वव्याप्त एवं सृष्टि के मूल में स्पंदित दिव्य ध्वनि का प्रतीक है और “ईश्वर” का अर्थ है परमात्मा।निराकार परमात्मा ने ओंकार शब्द के माध्यम से ही साकार सृष्टि की रचना की है।
ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर में शिवरात्रि पर ब्रह्म मुहूर्त में संत महात्माओ ने शिव पर जल अर्पित किया महाशिवरात्रि पर्व पर प्रशासन द्वारा डेढ़ लाख श्रद्धालुओं के आने की व्यवस्थाओं के इंतजाम किए थे किंतु ओंकारेश्वर में 50 हजार से अधिक श्रद्धालु भी नहीं पहुंचे
श्रीजी ज्योतिर्लिंग मंदिर ट्रस्ट द्वारा भगवान शिव मंदिर शीखर को विद्युत सज्जा से भी श्रृंगार नहीं किया भोलेनाथ के प्रमुख दिन विशेष शिवालयों को सजाया जाना था केवल पुष्पो की लडी लगाकर मंदिर प्रशासन ने कर्तव्य की ट्रस्ट ने इतिश्री कर ली
कुछ आश्रमो पर विशेष श्रृंगार से मंदिर मठ जगमगाए षष्ठ दर्शन संत मंडल के नागा बाबा महंत विजय शंकर पुरी ने कहा जूना अखाड़े से संत महात्मा ढोल ठमाके बजे गाजे से ओंकारेश्वर ममलेश्वर बाबा को ब्रम्हमुर्हत मे जल चढ़ाने पहुंचे भक्तों को आशीर्वाद देते हुए शिवरात्रि के महत्व को बताते हुए कहा कि शिवजी के निराकार स्वरूप के प्रतीक ‘लिंग ‘ शिवरात्रि के दिन महानिशा में प्रकट हुए थे और सबसे पहले ब्रह्मा और विष्णुजी के द्वारा पूजित हुए थे। पौराणिक कथाओं में यह भी प्रचलित है कि महाशिवराशि शिव और मां पार्वती के मिलन का दिन माना जाता है।
भक्तों ने नर्मदा में आस्था की डुबकियां लगाई बाबा भोलेनाथ के दर्शन कर ओकार परिक्रमा का लुफ्त भी लिया
पं दीपक जोशी ने कहा सुबह से ही शिवालयों में दर्शन के लिए लंबी-लंबी कतारों में भक्त लगे प्रशासन ने भक्तो की सुविधा के लिए व्यापक प्रबंध किए
कलेक्टर पुलिस अधीक्षक शिवरात्रि पर्व के 1 दिन पूर्व व्यवस्थाओं का जायजा लिया जगह-जगह एलईडी भी लगाई गई किंतु श्रद्धालुओं की संख्या में कमी रही पर्याप्त मात्रा पुलिस व्यवस्था की गई ओंकारेश्वर एवं ममलेश्वर अन्य शिवालयों को शिवरात्रि पर्व पर विशेष मेवा मिष्ठान भांग से शृंगार किया कई स्थानों पर भंडारों के आयोजन हुए
शिवरात्रि पर्व के अवसर पर जय घोष के साथ जहां भक्त ओंकारेश्वर ममलेश्वर मंदिर पहुंचे तो वहीं विदेशी पर्यटकों ने भी ब्रह्म मुहूर्त में संतों के साथ बाबा के दर्शन किए तो वही खरगोन के किन्नर भी अपने दल बल के साथ बाबा के दरबार में शिवरात्रि का लुफ्त उठाया तथा भक्तों को आशीर्वाद दिया
खंडवा पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र सिंह के निर्देशन में लगभग 500 जवान ओंकारेश्वर पर्व की व्यवस्था के लिए भेजे थेथाना प्रभारी अनूप सिंधिया द्वारा लगातार सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखे हुए थे पर्व के दौरान पुलिस प्रशासन की अच्छी व्यवस्था के चलते नर्मदा घाटों पर चोरी उठाई की घटना तथा यातायात बाधित नहीं हुआ कालबेलो के साथ मार्गो पर टीका चंदन लगाने वाले भी नहीं दिखाई दिए
कलेक्टर अनूप कुमार सिंह के कड़े निर्देश के चलते नगर परिषद सीएमओ मोनिका पारधी दलबल के साथ मार्गो से अतिक्रमण हटाते रहे गंदगी करने वालो पर जुर्बानेआरोपित किए गए ऐतिहात के तौर पर नर्मदा नदी में नौका संचालन पूरी तरफ प्रशासन ने प्रतिबंध कर दिया था कुछ मार्गों पर मिट्टी के ढेर लगने के कारण टेंपो व्यवस्था व्यवस्थित बनी रही किंतु ओंकारेश्वर के लोगों कोअपने घरों में जाने के लिए भी कई बार मशक्कत करना पड़ी
कुछ स्थानीय रहवासियों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि पर्व के दौरानस्थानीय लोगों को सुव्यवस्थित दुकानों के लिए जगह आवंटित की जाए क्योंकि ओंकारेश्वर आने वाले श्रद्धालुओं पर ही यहां के लोगों की जीविका चलती है
उल्लेखनीय है की स्थान के अभाव में लुप्त होते जा रहे हैं मेले नगर परिषद द्वारा शिवरात्रि -कार्तिक .मेले के आयोजन किए जाते थे किंतु स्थान के अभाव में लुप्त होते जा रहे हैं मेले
ओंकारेश्वर मिश्रीलाल कोहरे