अध्यापक छितर मल धाकड़ का सम्मान समारोह संपन्न

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अध्यापक छितर मल धाकड़ का सम्मान समारोह संपन्न

शिक्षक राष्ट्र निर्माण में अपनी महती भूमिका निभाता है। धाकड़

सफलता के लिए अनुशासन व विनम्रता जरूरी। शर्मा

झांतला। समीपस्थ,माध्यमिक विद्यालय जसवंतपुरा के शिक्षक श्री छितरमल धाकड़ की पदोन्नति व मूल शाला से स्थानांतरण होने पर एक गरिमामय कार्यक्रम आयोजित किया गया
इस अवसर पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य शांतिलाल धाकड़, जनपद प्रतिनिधि राजेश शर्मा अध्यापक, अध्यापक श्री छितरमल धाकड़,भुवानी,राम मेघवाल, अध्यापक संतोष,खेर , प्रधानाध्यापिका सुमन बिश्नोई, अध्यापक श्री लाल धाकड़ अध्यापक पंकज शर्मा , मोहनलाल गणावा, सोहनलाल हवलदार,आदि ने अपने विचार रखते हुए कहा कि जीवन में सफल व कामयाब बनने के लिए अनुशासन व विनम्रता जरूरी है। जीवन में हमेशा आशावादी रहना चाहिए व अच्छे व बड़े सपने देखकर उन्हें हासिल करने का सतत प्रयत्न करते रहे तो निश्चित एक दिन सफलता प्राप्त की जा सकती हैं। किसी भी कार्य के लिए उम्र नहीं देखी जाती है। हर व्यक्ति के जीवन में परेशानियां आती है। उससे घबराएं नहीं बल्कि मुकाबला करना सीखें अभ्यास व परिश्रम करने से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है। सभी शिक्षक साथियों का जो प्यार सम्मान व अपनापन मुझे मिला है। उसे मैं,ताउम्र नहीं भूल पाऊंगा जाने अनजाने में मुझसे कोई भूल व गलती हुई है। तो मैं क्षमा प्रार्थी हूं। जीवन में यदि सफल होना है। तो यह मूल मंत्र हमेशा याद रखना अपने माता-पिता व गुरुजनों का हमेशा सम्मान व आशीर्वाद लेते रहना चाहिए उनकी सेवा यदि आपने कर ली तो संसार के सारे तीर्थ कर लिए। शिक्षक का दायित्व है। कि उन्हें पढ़ाई के साथ जीवन जीने की कला व अच्छे संस्कार दें। इस संस्था से विदा ले रहे शिक्षक,छितरमल धाकड़ ने जो अपनी सेवा इस विद्यालय को दी है। व यादगार रहेगी आपने हमेशा बच्चों को अनुशासन व विनम्रता का पाठ पढ़ाया है। व अच्छी शिक्षा व तालीम दी है। आपकी कमी वह रिक्तता हमेशा खलेगी लेकिन आपका बाकी का जीवन सुखमय व्यतीत करते हुए जीवन को धर्म आध्यात्मिक व सामाजिक क्षेत्र में लगाकर अपनी सेवाएं देते रहें।
भावना और आदर्श व अनुशासन याद रखा जाएगा शिक्षक बनना बहुत गौरव की बात है।
शिक्षक वह व्यक्ति होता है। जो समाज व देश को आगे बढ़ाने में अपना महत्वपूर्ण व अमूल्य योगदान देता है। सर ने इस विद्यालय को जो अपनी अमूल्य सेवा व अनुभव व प्रेरणा से हम लाभान्वित हुए हैं। आपका बाकी का जीवन सुखमय व निरोगी मंगलमय गुजरे ऐसी हम ईश्वर से कामना करते हैं। हमें आपकी कमी व रिक्त्तता हमेशा खुलेगी आपने हमें अनुशासन का मार्गदर्शन दिया है। जिसे हम कभी नहीं भूल पाएंगे शिक्षक पूरी निष्ठा व ईमानदारी से अपने कर्तव्य का निर्वहन करता है। लेकिन जब उनकी कर्तव्य निष्ठा ईमानदारी
सद् प्रयासों को पर्याप्त प्रोत्साहन,नहीं मिलता तब यकीनन उनका मनोबल गिर जाता है। सर,का कर्तित्व व व्यक्तित्व उच्च कोटि का रहा है। सौम्य, सरल, सहज व मिलनसार ,अपने किताबी ज्ञान के अलावा जीवन के मूल्यों पर आधारित ज्ञान नैतिक शिक्षा व अच्छे संस्कार आचरण की शिक्षा बच्चों को दे शिक्षक व गुरु का पद भगवान के समतुल्य माना गया है। शिक्षक समाज का दिग्प्रदर्शक होता है। जैसा आईना समाज को दिखाता है। समाज वैसा ही बनता है। अच्छा शिक्षकों को की दोहरी जिम्मेदारी है। कि वह वर्तमान में संस्कृति धर्म संस्कारों व सभ्यता का पतन व हार्ष हो रहा है। अतः शिक्षक की किताबी ज्ञान के अलावा नैतिक शिक्षा पर ज्यादा ध्यान देकर आने वाली पीढ़ी को
संस्कारवान बनाने का प्रयास करें।
कार्यक्रम का सफल संचालन अध्यापक कमलेश बैरागी,द्वारा किया गया आभार अभिव्यक्ति प्रधानाध्यापिका सुमन बिश्नोई द्वारा की गई। इस कार्यक्रम में वरिष्ठ अध्यापक सुंदरलाल धाकड़ श्रीमती रामकन्या धाकड़, भंवर सिंह राजपूत कुमारी सुमन धाकड़ बगदीराम रेबारी आदि प्राथमिक माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित थे।

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