वाहन रैली के लिए ऑरेंज, चल समारोह के लिए लाल रंग की पोशाक तय- ब्राहमण मातृशक्ति का निर्णय

वाहन रैली के लिए ऑरेंज, चल समारोह के लिए लाल रंग की पोशाक तय- ब्राहमण मातृशक्ति का निर्णय

मंदसौर

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वाहन रैली के लिए ऑरेंज, चल समारोह के लिए लाल रंग की पोशाक तय- ब्राहमण मातृशक्ति का निर्णय

 11 महिलाएं कलश लेकर अग्रिम पंक्ति में चलेंगी—भारतीय सांस्कृतिक प्रतीक  

मंदसौर । रविवार को मंदसौर में सकल ब्राह्मण समाज की महिला विंग द्वारा परशुराम जन्मोत्सव की तैयारियों को लेकर एक विशेष बैठक आयोजित की गई। यह मीटिंग जनपद पंचायत सभागार में संपन्न हुई, जिसमें समाज की प्रमुख महिला पदाधिकारियों और सदस्यों ने सक्रिय सहभागिता की। बैठक की अध्यक्षता महिला विंग की अध्यक्षा नीता चौबे ने की। इस अवसर पर विद्या उपाध्याय, अंजू तिवारी, सीमा नागर, मंगला त्रिपाठी, रेखा जोशी, मीना आचार्य, नीता छुआबे, गायत्री औझा, बिंदु चन्द्रे, मंजु शर्मा, अमृतबाला शुक्ला, ललिता भारद्वाज, अंजना मंडलोई और सोनाली भारद्वाज आयडी सहित अन्य महिलाएं उपस्थित रहीं। 

 गौरवशाली परंपरा को संजोएगा परशुराम जन्मोत्सव 

इस महत्वपूर्ण बैठक में समाज के वरिष्ठ पदाधिकारी पंडित दिलीप शर्मा, डॉ. क्षितिज पुरोहित, राजेश पाठक, ललित भारद्वाज, प्रवीण शर्मा और पुष्कर राज शर्मा ने भी उपस्थिति दर्ज कर समाज की एकजुटता को दर्शाया।

 बैठक में निर्णय लिया गया कि परशुराम जन्मोत्सव की वाहन रैली में सभी महिलाएं सक्रिय रूप से भाग लेंगी। जो महिलाएं स्वयं वाहन नहीं चला सकतीं, वे अपने परिजनों के साथ वाहन में सम्मिलित होंगी। 

आयोजन की गरिमा को बढ़ाने के लिए तय किया गया कि वाहन रैली के दिन महिलाएं ऑरेंज रंग का परिधान पहनेंगी। वहीं, चल समारोह के दिन सभी महिलाएं लाल रंग के वस्त्र धारण करेंगी। इस रंग योजना से कार्यक्रम में एकता और भव्यता का संदेश दिया जाएगा। समारोह की शोभा बढ़ाने के लिए 11 महिलाएं सिर पर कलश लेकर अग्रिम पंक्ति में चलेंगी, जो भारतीय सांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक होगा। मातृशक्ति ने संकल्प लिया कि वे अपने-अपने “ब्राह्मणत्व धारी ग्रुप” और “बीसी ग्रुप” के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को कार्यक्रम में शामिल करने का आग्रह करेंगी, जिससे समाज की भागीदारी व्यापक हो सके। बैठक के अंत में सकल ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष पंडित दिलीप शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया और कहा कि परशुराम जयन्ति हमारी गौरवशाली विरासत का प्रतीक है, जिसे समाज की एकता और संस्कृति के साथ भव्य रूप से मनाया जाएगा। ज्ञात हो कि यह भव्य आयोजन 29 और 30 अप्रैल को मंदसौर में आयोजित किया जाएगा, जिसमें समस्त ब्राह्मण समाज की सहभागिता अपेक्षित है। तैयारियों को लेकर समाज में उत्साह और ऊर्जा का वातावरण बना हुआ है।  

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