तिवारी और बिल्लू परिवार द्वारा तृतीय दिवस में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में हुआ प्रहलाद चरित्र, सती चरित्र व जड़ भरत संवाद

Shares

तिवारी और बिल्लू परिवार द्वारा तृतीय दिवस में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में हुआ प्रहलाद चरित्र, सती चरित्र व जड़ भरत संवाद

भक्त प्रहलाद का चरित्र युवाओं के लिए प्रेरणा -भागवताचार्य कौशलेंद्र जी महाराज

सिंगोली :-भगवान की भक्ति में ही शक्ति है। भागवत कथा सही मार्ग दिखाती है, भक्ति करनी है तो ध्रुव और भक्त प्रहलाद जैसी करो। भगवान ने प्रहलाद के लिए अवतार लेकर हिरण्कश्यप का वध किया था। यदि भक्ति सच्ची हो तो ईश्वरीय शक्ति अवश्य सहायता करती है। भागवत कथा सुनना और भगवान को अपने मन में बसाने से व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन आता है। भगवान हमेशा अपने भक्त को पाना चाहते हैं। जितना भक्त भगवान के बिना अधूरा है उतना ही अधूरा भगवान भी भक्त के बिना है। यह उपदेश भागवताचार्य पंडित कौशलेंद्र जी महाराज ने व्यक्त किये
वे गुरुवार को सिंगोली विवेकानन्द बाजार स्थिति गौतमालय परिसर में तिवारी और बिल्लू परिवार द्वारा सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के तृतीय दिवस पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं व राजनेताओं को सम्बोधित कर रहे थे । कथा के दौरान भक्त प्रहलाद चरित्र, सती चरित्र व जड़ भरत संवाद की कथा सुनाई। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सभी अपने बच्चों को संस्कार अवश्य दें, जिससे वह बुढ़ापे में अपने माता पिता की सेवा कर सकें। गो सेवा, साधु की सेवा कर सकें। मनुष्य को दिखावा नहीं कर भगवान को सच्चे हृदय से याद करना चाहिए।
भागवताचार्य कौशलेंद्र जी महाराज ने कहा कि अहंकार, गर्व, घृणा और ईर्ष्या से मुक्त होने पर ही मनुष्य को ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है। यदि हम संसार में पूरी तरह मोहग्रस्त और लिप्त रहते हुए सांसारिक जीवन जीते है तो हमारी सारी भक्ति एक दिखावा ही रह जाएगी। भागवत कथा में प्रहलाद चरित्र पुत्र एवं पिता के संबंध को प्रदर्शित करता है और बताता है कि यदि भक्त सच्चा हो तो विपरीत परिस्थितियां भी उसे भगवान की भक्ति से विमुख नहीं सकता। भयानक राक्षस प्रवृत्ति के हिरण्यकश्यप जैसे पिता को प्राप्त करने के बावजूद भी प्रह्लाद ने अपनी ईश्वरीय भक्ति को नही छोड़ी

कथा के दौरान महाराज श्री ने बताया कि मनुष्य जीवन मे जाने-अनजाने प्रतिदिन कई पाप होते है । उनका ईश्वर के समक्ष प्रायश्चित करना ही एक मात्र मुक्ति पाने का उपाय है। उन्होंने ईश्वर आराधना के साथ अच्छे कर्म करने का आव्हान करते हुऐ बताया कि जीवन मे सत्संग व शास्त्रों में बताए आदर्शो का श्रवण करने में वह शक्ति है जो व्यक्ति के जीवन को बदल देती है।
खासकर व्यक्तियों को अपने जीवन मे क्रोध , लोभ , मोह, हिंसा संग्रह आदि का त्याग कर विवेक के साथ श्रेष्ठ कर्म करना चाहिये ।

कथा के प्रारंभ में विजया राजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज भीलवाडा के डॉक्टर वीरेंद्र शर्मा, डॉ प्रवीण ओझा, श्री‌ वीरेंद्र शर्मा, श्री दीपक सर्वा और श्री‌ चांदमल ने भागवताचार्य श्री कौशलेंद्र जी का शाल श्री फल भेंट कर अभिनंदन किया। व्यास पीठ से इन सभी को उपरणा पहनाकर आशीर्वाद दिया गया। श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिला अध्यक्ष श्री प्रदीप जैन ने भी आज व्यासपीठ का पूजन कर महाराज जी से आशीर्वाद लिया । कथा के अंत में श्री ओम प्रकाश बिल्लू श्री रामेश्वर वत्स, श्री अशोक व्यास और कमलेश व्यास ने श्रीमद् भागवत की आरती की।‌

एक सुंदर झांकी जिसमें भगवान नरसिंह और भक्त प्रह्लाद का चित्रण किया गया था भी आज कथा के दौरान प्रदर्शित की गई।

शुक्रवार को कथा के दौरान श्री कृष्ण जन्म और नंदोत्सव का प्रसंग होगा।


महेंद्र सिंह राठौड़

ये भी पढ़े – दिगम्बर जैन समाज ने मनाया क्षमापना पर्व

Shares
WhatsApp Group Join Now

Leave a Comment