16 सुत्रीय मांगो को लेकर कछावा आज से करेगे आमरन अनशन
13 अगस्त को दिया था प्रशासन को अल्टीमेंटम, एक भी समस्यां का नही किया समाधान
मनासा। जिला पंचायत सदस्य आर सागर कछावा 16 सुत्रीय मांगो को लेकर आज से कोर्ट के सामने आमनरण अनशन पर बैठेगे। वे सुबह 11 बजे एसडीएम पवन बारिया को आवेदन देने के बाद आमरन अनशन शुरू करेगे। कछावा ने 13 अगस्त को 16 सुत्रीय मांगो के समाधान को लेकर अल्टीमेटम दिया था कि समस्यां का हल नही किया तो वे आमरण अनशन करेगे। अल्टीमेटम के मुतबिक समय पुरा होने के बाद एक भी समस्यां का हल प्रशसन द्वारा नही किया गया। इसलिए यह निर्णय लेने पर मजबुर होना पडा।
जिला पंचायत सदस्य कछावा द्वारा आमरन अनशन जिन 16 सुत्रीय मांगो को लेकर किया जा रहा है। उनमें प्रमुख रूप में स्मार्ट मीटर द्वारा उपभोक्ताओ को दिए जा रहे भारी भरकम बिजली बिल, किसानो को सोयाबीन का 6 हजार समर्थन मुल्य मिलेे। सोयाबीन में अफलन की स्थिति में सर्वे कर मुआवजा दिया जाएं। इसके साथ सरकारी जमीन पर काबिज होकर कृषि कार्य करने वाले किसानो को बेदखल नही किया जाएं। वन विभाग से लगत भूमि पर बरसो से खेती कर रहे किसानो को वन विभाग नए पुराने नक्शे के नाम पर परेशान नही करे। चिता प्रोजेक्ट का क्षेत्रफल कम किया जाएं। चिता प्रोजेक्ट आने के बाद एरिये को कवर्ड करने से गौवंश की हा रही अकाल मौत की निष्पक्ष जांच की जाएं। विधानसभा क्षेत्र के गांव खिमला ब्लाक में ग्रीन को कंपनी द्वारा आदीवासी किसानो की शासकीय भूमि बल पूर्वक हडप ली गई जबकि अन्य वर्ग के किसानो को 2 लाख रूपए प्रति एकड मुआवजा दिया गया। आदीवासी किसानो के साथ भी समान न्याय हो। 20 सुत्रीय कार्यक्रम के तहतः जिन किसानो के पटटे निरस्त किए गए उन्हे बहाल किए जाएं। और जो निरस्त नही हुए है उन्हे भूमि स्वामी घोषित किया जाएं। खिमला ब्लाक में ही कलेक्टर द्वारा आदीवासी किसानो एवं राजस्व भूमि पटटेदार किसानो की कृषि भूमियो के विक्रय आदेश नियम विरूद्व किए गए है उन्हे निरस्त किए जाएं। नामानंतरण एंव बंटाकन के मामले में सीएम के आदेश के बाद भी पटवारी किसानो से खुली लुट कर रहे जिसे बंद किया जाएं। निजी कंपनीयों द्वारा किसानो से जमीन खरीदी है उनके परिवार के पास परिवार पालन के लिए ओर कोई साधन नही रहा है। इसलिए ऐसे परिवारो के एक सदस्य को स्थायी नौकरी दी जाएं। खिमला ब्लाक वन ग्राम है ष्शासन ने आबादी क्षेत्र घोषित कर पटटे आवंटित किए थे। वह सर्वे नंबर भी ग्रीन को कंपनी को दे दिया है। जिसे पुनः ग्रामीणो को दिया जाएं। वाटरशेड परियोजना में हुए भ्रष्टाचार की जांच कर कार्रवाई की जाएं। खिमला में ग्रीन को कंपनी ने वहां के आदीवासीयो और किसानो को गुमराह कर जमीनो की किमतो में असमानता की गई है जिन्हे न्याय दिया जाएं। क्षेत्र में पेयजल और सिंचाई के नाम पर दिलीप बिल्डकॉन कंपनी द्वारा गांवो में गली मोहल्ले और खेत खोद दिए है। जिन्हे सुधारा नही गया है। जिसे सुधारने का काम किया जाएं। वही ग्रीन को कंपनी ने जो भूमियां खरीदी है उनकी रजिस्ट्रीयां उसी हल्के के पटवारी के भाई द्वारा की गई है। जिसकी जांच पटवारी को हटाकर की जाएं। संबल योजना में मिलने वाली राशी 2 लाख पिछले 1 साल से हितग्राहीयो को नही मिली है। शासन स्तर पर इसकी जांच हो और जल्दी हितग्राहीयो को संबल योजना का लाभ दिया जाएं।
ये भी पढ़े – ग्राम पालसोड़ा में भादवा छठ पर निकला नगर निशान भ्रमण, बरसते पानी में नाचते गाते निकले भक्त