वनवासी कृषि ग्रामीण मजदूर संघ ने मनाया भगवान श्री बिरसा मुंडा जन्म जयंती गोरव दिवस !
नीमच – जनजाति समुदाय के आराध्य देव भगवान श्री बिरसा मुंडा कि 150 वी जन्म जयंती गोरव दिवस के अवसर पर माल्याखेड़ी जिला मंदसौर में वनवासी कृषि ग्रामीण मजदूर महासंघ संबंध भारतीय मजदूर संघ के केन्द्रीय पदाधिकारीयों के मार्ग दर्शन व नीमच जिला महामंत्री एवं मंदसौर कार्यक्रम प्रभारी चंद्रशेखर जायसवार की देखरेख ओर मंदसौर जिला अध्यक्ष प्रकाश कटारे के नेतृत्व में सर्वप्रथम मालवा की वैष्णो देवी मां भादवा माता व जनजाति समाज के आराध्य देव भगवान बिरसा मुंडा की तस्वीर पर अतिथियों द्वारा पुष्पमाला अर्पित कर मां भादवा की आरती के साथ दीप प्रज्वलित किया जाकर कार्यक्रम की शुरुआत की जिसमें मंच पर विराजित सभी वक्ताओं ने भगवान श्री बिरसा मुंडा के जीवन पर प्रकाश डाला जिसमें वनवासी कृषि ग्रामीण मजदूर संघ संबंध भारतीय मजदूर संघ के जिला महामंत्री व कार्यक्रम प्रभारी चंद्रशेखर जायसवार ने भगवान बिरसा मुंडा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस धरती पर ऐसे कई क्रांतिकारियों ने जन्म लिया है जिन्होंने अपने बल पर अंग्रेजी हुकूमतों को नेस्तनाबूत कर दिया था ऐसे ही एक वीर थे बिरसा मुंडा जिन्हें बिहार और झारखण्ड की धरती पर भगवान बिरसा मुंडा का दर्जा दिया जाता है ओर उसके पीछे भी एक बहुत बड़ी वजह यह भी रही है की मात्र 25 साल की उम्र में उन्होंने लोगों को एकत्रित कर एक ऐसे आंदोलन का संचालन किया था जिसने देश की स्वतंत्रता में अहम योगदान दिया ओर जनजाति समाज में एकता लाकर उन्होंने देश में धर्मांतरण को रोक दमन के खिलाफ आवाज उठाई
ओर उनका जनजाति समाज को पुनर्गठित करने का प्रयास अंग्रेजी हुकूमत के लिए विकराल चुनौती बना उन्होंने नए बिरसाइत धर्म की स्थापना की तथा लोगों को नई सोच दी जिसका आधार सच्चाई, अच्छाई,सहयोग व एकता के लिए बंधुता था उन्होंने ‘गोरो वापस जाओ’ का नारा दिया एवं परंपरागत लोकतंत्र की स्थापना पर बल दिया ताकि शोषणमुक्त ‘जनजाति साम्यवाद’ की स्थापना हो सके उन्होंने कहा था ‘महारानी राज’ जाएगा एवं ‘अबुआ राज’ आएगा ओर ऐसे ओर भी कई वीर जनजाति परिवार में जन्मे हैं जिन्होंने देश हित,जनहित ओर जनजाति वर्ग के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर बलिदान हो शहादत पायी है इसलिए हम आज हम उन्हें पूजते हैं और उनकी जयंती मनाते हैं आज भगवान बिरसा मुंडा गौरव दिवस के अवसर पर कार्यक्रम में एकत्रित हुए सभी भाई,बहनों, बुजुर्गों ओर जनजाति समाज बंधुओं से आग्रह किया कि आज के युग में हम सभी को एकजुट ओर संगठित होने की जरूरत है और हम एक जूट तभी हो पायेंगे जब हम अपने लोगों में शिक्षा के अभाव को दूर कर शिक्षा का भाव पैदा कर लेगें इसी कड़ी में मंदसौर संघ के विभाग कार्यवाह रामेश्वर धाकड़ ने बताया कि जिस तरह हम होली,दिवाली व अन्य सभी त्योहार मनाते हैं उसी प्रकार जनजाति एवं सभी समाज के वर्गों को देश हित में बलिदान दिए सभी क्रांतिकारीयो की निरंतर जन्म जयंती जैसे आयोजन कर एक जुटता का परिचय देना होगा साथ ही जनजाति समाज में शिक्षा के प्रति जागृति लाकर अपने बच्चों एवं अपने समाज परिवारजन को शिक्षित कर समाज में शिक्षा का भाव पैदा करना होगा तभी जाकर हम अपने आप में सहजता ओर मजबूती का अहसास कर सकेंगे कार्यक्रम का संचालन भंवरलाल व राजेश चौहान ने सभी मंचसीन अतिथियों ओर कार्यक्रम में पधारे समाज बंधुऔ एवं मातृ शक्तियों को साधुवाद देते हुए कार्यक्रम का आभार व्यक्त किया !
इस अवसर पर अखिल भारतीय वनवासी कृषि ग्रामीण मजदूर महासंघ संबंध भारतीय मजदूर संघ के कार्याकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष राथुसिंह भावर, उज्जैन संभाग प्रभारी भेरुलाल खदेड़ा, नीमच जिला महामंत्री व कार्यक्रम प्रभारी चंद्रशेखर जायसवार, वनवासी कृषि ग्रामीण मजदूर संघ मंदसौर जिला अध्यक्ष प्रकाश कटारे, जिला उपाध्यक्ष बहादुर सिंह भूरिया (झाबुआ),जिला विभाग कार्यवाह रामेश्वर धाकड़ मंदसौर,अरर्णसिंह मिश्रा मंदसौर, पूर्व जनजाति अध्यक्ष देवीलाल सिसोदिया, जिला अध्यक्ष राजेश चौहान, उपाध्यक्ष नानालाल गौदा, समिति संभागीय अध्यक्ष रतनलाल खेर, राजेंद्र चौहान, भेरूलाल कटरा, मुकेश मकवाना, भवरलाल चौहान,अंबालाल गहलोत, कैलाश डिंनडोर, घनश्याम निनामा, भंवरलाल चोहान, बगदीराम पंवार,शंभूलाल बामनिया,नाहर डामर, मिट्ठू लाल दारू, शांतिलाल दायमा, चंपालाल बलावत, शालिग्राम कटरा, विष्णु खराड़ी, कैलाश, नगुलाल, दिलीप,भेरूलाल, कचरूलाल,मांगीलाल, जवाहरलाल, जगदीश, विनोद, राधेश्याम एवं नीमच, रतलाम, मंदसौर, उज्जैन,राजस्थान जिलों से पधारे गणमान्य लोग व मातृशक्तियां उपस्थित रही !