टीम एवीएस तीन दिवसीय शिवना नदी पर्यावरण पैदल यात्रा संपन्न।
गांव गांव में जल स्रोत और वृक्ष की पूजा की गई!
मंदसौर – टीम एवीएस लगातार तीन वर्षों से शिवना नदी संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के लिए पैदल यात्रा का आयोजन कर रही है। इसी तारतम्य में 2025 की शिवना नदी पैदल यात्रा जिसका प्रारंभ में नाम में पर्यावरण शब्द जोड़ा गया और इस बार की यात्रा का नाम शिवना नदी पर्यावरण पैदल यात्रा रखा गया। यात्रा की तैयारी कई दिनों से चल रही थी।
उक्त जानकारी देते हुए टीम एवीएस के संस्थापक मनीष भावसार ने बताया कि यात्रा का प्रारंभ दिनांक 13 दिसंबर को हुआ। शिवना नदी के प्राकट्य स्थान पर हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे। संपूर्ण ग्रामवासी उपस्थित रहे मातृशक्ति की उपस्थिति में शिवना नदी प्राकट्य स्थान पर शिव भगवान का जलाभिषेक मंदसौर से पधारे कथावाचक पंडित पुलकित नगर ने मंत्रोच्चार से कराया गया। इसके पश्चात हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में शिवना नदी और पीपल के वृक्ष की पूजा की गई । इसके बाद यात्रा का प्रारंभ हुआ यात्रा अपने तय समय से गांव चिकली पहुंची जहां पर यात्रा का स्वागत किया गया इसके पश्चात गांव भचुंडला में भारतीय जनता पार्टी सालमगढ़ मंडल और प्रतापगढ़ जिला द्वारा स्वागत किया गया इसके बाद चाय अल्पाहार की व्यवस्था की गई। इसके बाद यात्रा पीपलोडि पहुंची जहां पर आश्रम में ग्राम वासियों द्वारा अल्पाहार की व्यवस्था और स्वागत की व्यवस्था की गई फिर यात्रा अपने आगामी पड़ाव की ओर प्रारंभ हुई जिसमें जीरावता, मोबा खेड़ी पहुंची जहां पर दोपहर का भोजन किया गया। मोबा खेड़ी से यात्रा कोटडी पहुंची जहां पर उपस्थित ग्रामीण जन और हिंदू संगठनों के द्वारा यात्रा का स्वागत और अल्पाहार की व्यवस्था की गई फिर यात्रा अपने तय समय अनुसार प्रसिद्ध तीर्थ होरी हनुमान जी पहुंची जहां पर पूजन अर्चन किया गया और यात्रा अपने अंतिम पड़ाव गांव नांदवेल में पहुंची जहां पर गांव भ्रमण करते हुए कुमावत धर्मशाला में यात्रा का रात्रि विश्राम हुआ। सायं का भोजन कोटडी निवासी द्वारा होरी हनुमान जी में कराया।
द्वितीय दिवस की यात्रा 14 दिसंबर को प्रातः 7:00 बजे गांव नांदवेल से प्रारंभ हुई नांदवेल में वृक्ष की पूजा की गई इसके पश्चात गांव भावगढ़ पहुंची जहां पर ग्रामवासी पहले से ही उपस्थित थे और यात्रा को शिवना नदी स्थित महादेव मंदिर पर ले जाया गया जहां भगवान शिव की आरती गई की गई तथा शिवना मैया की भी पूजन कर वैदिक मंत्र के साथ शिवना नदी की आरती करि गयी। इसके पश्चात हनुमान जी मंदिर पर सभी पैदल यात्री का स्वागत की व्यवस्था और चाय नाश्ता की व्यवस्था करी गई इसके बाद उपस्थित ग्रामवासी भावगढ़ चौराहे पर यात्रा को छोड़ने के लिए आए। यात्रा अपने आगामी मार्ग पर चलते हुए बनी में यात्रा का स्वागत हुआ चाय की व्यवस्था हुई जगह-जगह स्वागत हुआ। इसके पश्चात यात्रा करजू होते हुए आकोदड़ा माताजी पहुंची यहां पर माताजी दर्शन पश्चात कार्यकर्ताओं द्वारा यात्रा का स्वागत किया गया और भोजन की व्यवस्था का अकोदडा में मंदिर समिति द्वारा की गई। कार्यकर्ताओं के आग्रह पर आकोदड़ा माताजी गौशाला देखने सभी यात्रियों को ले जाया गया । गौशाला देखकर सभी यात्रियों ने गौशाला संचालन कर्ता और पूरी समिति की व्यवस्था से प्रेरित होकर धन्यवाद आभार दिया गया। इसके पश्चात यात्रा नंदवता पहुंची जहां पर स्वागत सत्कार हुआ। फिर यात्रा गांव करनाखेड़ी पहुंची जहां पर ग्राम वासियों द्वारा स्वागत किया गया और भोजन की व्यवस्था भी की गई और करना खेड़ी में ही रात्रि विश्राम किया। करना खेड़ी में एक अद्भुत कार्यक्रम टीम एवीएस के संस्थापक मनीष भावसार और शिवना नदी पप्राकट्य स्थान मंदिर समिति के अध्यक्ष गोविंद मीणा द्वारा नवाचार किया गया समस्त पैदल यात्रियों के पैर धोकर उनकी पूजन की गई जिससे कई यात्री भावुक हुए। तृतीय दिवस की यात्रा प्रात 7:00 बजे दिनांक 15 दिसंबर को प्रारंभ हुई करना खेड़ी से प्रारंभ होती हुई यात्रा गांव जवासिया पहुंची जहां पर स्वागत चाय नाश्ता की व्यवस्था की गई और स्वागत की व्यवस्था भी की गई इसके पश्चात यात्रा गांव डोराना में पहुंची जहां पर जगह-जगह यात्रा का स्वागत किया गया चाय नाश्ता की व्यवस्था की गई । डोराना सेयात्रा गांव भालोट पहुंची जहां पर एक लंबा विश्राम किया गया जहां पर सभी यात्री स्नान और भोजन की व्यवस्था की गई।
गांव आकोदड़ा में प्रसिद्ध कथा दशरथ भाई शर्मा भी पहुंचे पंडित दशरथ भाई शर्मा ने कहा कि पैदल यात्रा सिर्फ रास्ता नापना नहीं होता है यह एक दिव्य संकल्प होता है और यदि किसी कार्य का संकल्प लिया जाता है साधना की जाती है तो उसका परिणाम निश्चित आता है। 3 वर्षों की यात्रा का परिणाम यह हुआ कि आज चाहे यात्रा में संख्या कम हो लेकिन प्रत्येक गांव को पता चल गया है की शिवना नदी का प्राकट्य स्थान कौन सा है और शिवना नदी की यात्रा निकल रही है तो यह एक जन जागरण है। और इसी जन जागरण का परिणाम यह हुवा की शिवना नदी के प्राकट्य स्थान पर प्राचीन मंदिर का पुनर्निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ है। गुरुदेव ने कहा है की 100 नए मंदिर बनाने की बजाय एक पुराना मंदिर का ही जीर्णोद्धार कर पुनर्निर्माण कर दिया जाए तो वह श्रेष्ठ होगा और यह जो पैदल यात्री गांव सेवना शिवना नदी के प्राकट्य स्थान से चलकर भगवान पशुपतिनाथ तक पहुंच रहे हैं तो यह लंबी साधना है और इस साधना से निश्चित रूप से ही समाज में परिवर्तन आएगा और यह पैदल यात्रा आज से प्रारंभ नहीं हुई है प्राचीन समय से ही चली आ रही। भगवान राम ने 14 वर्ष की पैदल यात्रा करि। विनोबा भावे ने पैदल यात्रा करी है महात्मा गांधी ने पैदल यात्रा करी है और कोई भी यात्रा की जाती है तो साधना होती है और उसे निश्चित रूप से समाज में बहुत बड़ा परिवर्तन होता है और टीम एवीएस द्वारा यह जो पैदल यात्रा की जा रही है इस पैदल यात्रा का भी एक परिणाम समाज के अंदर देखने को मिलेगा। गुरुदेव पंडित दशरथ भाई भी गांव आकोदड़ा से नंदवता तक पैदल चले। गांव भालोट से यात्रा जब अचेरा पहुंची तो पूर्व से ही वहां पर गुरुदेव मैनपुरिया के संत मणि महेश चैतन्य उपस्थित थे । उन्होंने सभी पैदल यात्रियों को आशीर्वाद प्रदान किया तथा अगले गांव मिर्जापुर तक सभी पैदल यात्रियों को उत्साह प्रदान करने के लिए पैदल चले जहां पर मिर्जापुरा में हनुमान मंदिर पर सभी पैदल यात्रियों को शब्दों के रूप में आशीर्वाद प्रदान किया गया गुरुदेव मणि महेश चैतन्य ने कहा है की शिवना नदी को गंदा करना बंद कर दीजिए शिवना नदी तो अपने आप में प्रदूषण मुक्त हो जाएगी । सरकार पहले दारू बेचती है दारू बेचने का लाइसेंस देती है और फिर बाद में नशा मुक्ति अभियान चलाती है। शहरों को पहले गंदा किया जाता है फिर स्वच्छता अभियान चलाया जाता है। ठीक इसी प्रकार से पहले नदियों को गंदा किया जाता है और फिर नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए अभियान चलाती है बड़े-बड़े अरबो रुपयों के टनल पुल पुलिया बनाने से क्या होगा जब नदिया नहीं बचेगी। तो सरकारों को भी नदियों को प्रदूषण मुक्त करने के लिए शहरों का गंदा पानी नदियों में मिलने से रोकना होगा इसकी चिंता करना होगी। इसके बाद शिवना यात्रा खिड़की माता पहुंची जहां मां शिवना नदी की पूजा की गई और समय से एक घंटा पूर्व मंदसौर शहर की सीमा में प्रवेश किया गया जहां पर रामघाट और पूरे मार्ग पर यात्रा का स्वागत हुआ। बस स्टैंड बालाजी पर बालाजी महाराज की पूजा सभी यात्रियों ने करी और सदर बाजार होते हुए यात्रा पशुपतिनाथ शिवना घाट पर पहुंची जहां पर उपस्थित गणमान्य नागरिकों के द्वारा पैदल यात्रियों के द्वारा शिवना नदी की आरती की गई पूजन किया गया और गांव गांव से जो जल इकट्ठा किया गया था उससे शिवना नदी का जलाभिषेक किया गया इसके पश्चात सभी यात्रियों ने और उपस्थित भक्तों द्वारा भगवान पशुपतिनाथ जी के दर्शन कर यात्रा का समापन हुआ। यात्रा में मुख्य रूप से मनीष भावसार , गोविंद शर्मा सुरेश बैरागी, सुधांशु भावसार, प्रतापगढ़ से कैलाश भावसार ,सेवना से गोविंद मीणा , लक्ष्मण मीणा , कैलाश मीणा , शंकर मीणा रामलाल मीणा, भेरूलाल मीणा ,महेश मीणा, मातृशक्ति में दुर्गा मीणा, कांता मीणा, रामचंद्र मीणा, चुन्नीलाल मीणा , गोपाल मीणा भाजपा जिला उपाध्यक्ष विनय दुबेला, पार्षद सुनीता भावसार ,अशोक भावसार ,अमलेश रावल, मुकेश पाटीदार परसराम राठौर ,दिलीप चौहान, मनीष कुमावत, सुखदेव कुमावत, जगदीश बैरागी, राकेश विश्वकर्मा , दिनेश विश्वकर्मा, ललित राठौर शुभम लक्षकार, नीमच से पवन बेरागी, रतलाम से ओमप्रकाश पाटीदार, जिला पंचायत सदस्य बसंतीलाल मालवीय, उमेश सिंह बेस, विनोद प्रजापत, सुनील पाटीदार ,दिनेश पाटीदार , कमलेश भावसार, महेश भटेवरा रमेश सोलंकी, राजेश मेडतवाल, संदीप नामदेव, विनोद निनामा सुनील शर्मा, जितेंद्र व्यास भगवति बोरीवाल सहित कई गणमान्य नागरिक थे।
टीम एवीएस तीन दिवसीय शिवना नदी पर्यावरण पैदल यात्रा संपन्न।
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