धर्म हमारी सभ्यता और संस्कृति को बनायें रखतीं हैं –पं नरेंद्र शर्मा
कुकड़ेश्वर – शिव कथा पुराण हमें सिखा रहीं हैं कि बेटियों का सम्मान किस तरह करना चाहिए हमारे देश स्त्री प्रधान देश है हमारी सभ्यता और संस्कृति को बनायें रखने में नारी का महत्व पूर्ण योगदान रहा शिव कथा में भगवान शिव ने जिस प्रकार मां आदिशक्ति जगत जननी को सर्व परी रखा उसी प्रकार नारी ने भी पुरुषों का हमेशा सम्मान किया आज पाश्चात्य संस्कृति ने जिस तरह हमारी सभ्यता और संस्कृति का हृास किया वो बड़ा सोचनिय विषय है आज हम कहां जा रहे हैं हम कथा पुराणों को सुन कर चिंतन मनन करने हमारे बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार भी दे और संस्कार हमें धर्म आचरण से मिलते हैं कथा भागवत हमें यही संदेश देते हैं। उक्त बात समीपस्थ ग्राम भदवा में गाव वासियों के जन सहयोग से चल रही शिव कथा पुराण के दौरान श्री राधा कृष्ण मंदिर चौक पर व्यास गादी से पांचव रोज पंडित नरेन्द्र शर्मा ने आमदखेडी़। संगीत मय कथा के दौरान धर्म सभा में कहा कि नारी का सम्मान करें आपने कथा का दृष्टांत सुनाते हुए राजा दक्ष द्वारा जगत जननी मां की कठोर तपस्या की मां दक्ष की तपस्या से प्रसन्न होकर वरदान में मां ने उनके घर पुत्री बनकर आने का आशीर्वाद दिया दक्ष के घर मां आदिशक्ति सती के रुप में अवतरित हुई। कहने का तात्पर्य यह है कि धरती मां का सम्मान हमें राष्ट सेवा के साथ करना चाहिए जिस प्रकार राजा दक्ष ने मां का सम्मान कर मां को अपने घर बेटी के रूप में अवतरित करवा कर माता ने भी तपस्या कर शिव को पति रूप में धारण करने का संकल्प लिया यहां पर भी नारी और बेटी का सम्मान करते हुए राजा दक्ष ने समय आने पर अपनी पुत्री सती का विवाह त्रिलोक नाथ भगवान शिव से किया वहीं कथा में कन्यादान का महत्व बताया आज हम कन्या दान ही भुल गये बेटी का होना बहुत बड़ी बात है और बेटी का कन्या दान दानों में महान दान है।आज हम अपनी परम्पराओं को भुल रहे वहीं बेटियां भी संस्कारों के अभाव में बाहरी चकाचौंध में अपना कर्तव्य भुल रहीं हैं जहां तक हम धर्म संस्कृति से नहीं जुड़ेंगे तो घोर अनर्थ हो जायेगा आज देश समाज कहा जा रहा है मोबाईल वेस्टर्न कल्चर में आज हमारी सभ्यता गौण हो रही हैं। जहां धर्म है वहां संस्कार है।
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