सिमाडा बालाजी मंदिर पर नर्मदेश्वर शिव महापुराण कथा गोपाल कृष्ण जी उपाध्याय के श्री मुख से
धारडी,, कदवासा और महपुरा पूरण के बीच में सिमाड़ा के बालाजी के यहां पर श्री नर्मदेश्वर शिव महापुराण कथा श्रध्देय श्री गोपाल कृष्ण जी उपाध्याय मां कामाख्या धाम निशानियां सोयत कला के मुखारविंद से हो रही है आचार्य श्री ने संगीतमय शिव महापुराण कथा में बताया कि संतों का काम भक्तजनों में काम क्रोध वासना से बाहर लाना है एक बार एक संत श्री ने बहते हुए जल से बिच्छू को बचाने का प्रयास किया तो भी बिच्छू ने उन्हें बार-बार डंक मार कर डसता रहा वहां पास ही बैठे एक व्यक्ति ने कहा कि आप बार-बार इस बिच्छू को पकड़ रहे हो और यह बिच्छू आपको बार-बार डस रहा है आप इस बिच्छू को छोड़ क्यों नहीं देते हो तो संत श्री ने कहा कि यह 5 ग्राम का बिच्छू जब अपने स्वभाव को नहीं छोड़ रहा है तो में भला अपने स्वभाव को क्यों छोड़ूं और संत श्री बिच्छू को जल से बाहर निकाल देते हैं कल दिनांक 5 दिसंबर को सुबह 10 बजे श्री बनोड़ा बालाजी का स्वर्ण रजत रथ की शोभायात्रा इंटरनेशनल इंडियन पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल कदवासा चौराहे से कथा स्थल तक विशाल शोभायात्रा के साथ आगमन होगा जिसमें पंजाबी ढोल डीजे व पुष्प वर्षा के साथ स्वर्ण रजत रथ की अगवानी होगी वह रात्रि में राजू जी महाराज जैसलमेर सांचौर वाले के द्वारा विशाल भजन संध्या भी आयोजित होगी कथा स्थल पर प्रतिदिन पार्थिव शिवलिंग का पूजन व रुद्राक्ष वितरण हो रहा है कथा का आयोजन सुतलिया परिवार के दुलीचन्द धाकड़ नानालाल धाकड़ बंशीलाल धाकड़ बाबूलाल धाकड़ महुपुरा पूरण वालों की तरफ से रखा गया है व कथा में लगभग 2500 श्रद्धालुओं ने भाग लिया व कथा के अंत में नर्मदेश्वर शिव महापुराण की आरती कर प्रसादी वितरण की गई,
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