राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस पर छात्रों को स्वच्छ वायु, हरित पृथ्वी: सतत जीवन की ओर एक कदम विषय पर दिए व्यख्यान।

राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस पर छात्रों को स्वच्छ वायु, हरित पृथ्वी: सतत जीवन की ओर एक कदम विषय पर दिए व्यख्यान।

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राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस पर छात्रों को स्वच्छ वायु, हरित पृथ्वी: सतत जीवन की ओर एक कदम विषय पर दिए व्यख्यान।

जीरन – स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजना के तहत आज शासकीय महाविद्यालय जीरन प्रभारी प्राचार्य दिव्या खरारे के निर्देशन में राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया गया
इस वर्ष, राष्ट्रीय प्रदूषण दिवस का विषय है “स्वच्छ वायु, हरित पृथ्वी: सतत जीवन की ओर एक कदम.”इस अवसर पर प्रो.रणजीत सिंह चंद्रावत ने बताया कि राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस 2 दिसंबर 1984 को भोपाल गैस त्रासदी में अपनी जान गंवाने वालों की याद में मनाया जाता है। यह दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदियों में दर्ज है, जिसमें खतरनाक गैस लीकेज की वजह से कई लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी थी। इस दिवस का उद्देश्य प्रदूषित जल, भूमि और वायु के कारण होने वाली मौतों के बारे में जागरूकता लाना है। इसके अलावा, भोपाल गैस त्रासदी जैसी औद्योगिक आपदाओं को कैसे रोका जाए, इस पर भी यह प्रकाश डालता है। पर्यावरण प्रदूषण जीवन और स्वास्थ्य की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। प्रदूषण विश्व के समक्ष एक बड़ी समस्या है। भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल के अनुसार, दुनिया भर में हर साल लगभग 7 मिलियन लोग वायु प्रदूषण के कारण मरते हैं। इसे पर्यावरण प्रदूषण के नाम से भी जाना जाता है। हम प्रदूषण को किसी भी पदार्थ, चाहे वह ठोस, तरल, गैस हो या ऊर्जा का कोई भी रूप जैसे ऊष्मा, ध्वनि आदि, का पर्यावरण में शामिल होना कह सकते हैं। प्रदूषण पैदा करने के लिए विभिन्न कारक जिम्मेदार हैं जैसे पटाखे फोड़ना, कार्बन उत्सर्जन, बम विस्फोट, उद्योगों के माध्यम से गैसों का रिसाव आदि। आजकल प्रदूषण की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और प्रदूषण के स्तर को कम करना संबंधित सरकार और लोगों का कर्तव्य है। हमें प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए विचार और योजनाएं बनानी चाहिए। इसी कड़ी मे आगे प्रो. रितेश चौहान ने बताया की भारत सरकार ने भारत में प्रदूषण को नियंत्रित करने और रोकने के लिए विभिन्न अधिनियम और नियम लागू किए हैं। जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम 1974 जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) उपकर अधिनियम 1977 वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम 1981 पर्यावरण (संरक्षण) नियम 1986 न्यायाधिकरण अधिनियम उन्होंने हाल ही में हुए बदलाव भी बतलाये की 12 नवंबर 2024 को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने वायु प्रदूषण की जांच करने के लिए एक स्पष्ट और निष्पक्ष दृष्टिकोण स्थापित करने हेतु वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) (जांच करने और जुर्माना लगाने का तरीका) नियम, 2024 को अधिसूचित किया है। ये प्रावधान 12 नवंबर से लागू हैं। आपको बता दें कि यह नियम वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के दायरे में आता है। इस कार्यक्रम का आरंभ स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रभारी डॉ. सोनम घोटा द्वारा किया गया तथा आभार डॉ रामधन मीणा द्वारा दिया गया इस अवसर पर महाविद्यालय संपूर्ण स्टाफ एवं समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे

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