संकुल केंद्र झांतला द्वारा सेवानिवृत शिक्षकों का सम्मान समारोह संपन्न
शिक्षक राष्ट्र निर्माण में अपनी महेती भूमिका निभाता है। श्रीमती जोशी
सफलता के लिए अनुशासन व विनम्रता जरूरी। रजनाती।
झांतला। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झांतला पर संकुल केंद्र के समस्त शिक्षक शिक्षिकाओं द्वारा सेवानिवृत्त अध्यापक श्रीमती सुमन जोशी,व बंसीलाल शर्मा के सेवानिवृत्ति होने पर एक गरिमामय कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सेवानिवृत्ति अध्यापिका श्रीमती सुमन जोशी सेवानिवृत अध्यापक बंसीलाल शर्मा, सेवानिवृत अध्यापक प्रभु लाल रेगर, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झांतला के प्रभारी प्राचार्य शांतिलाल धाकड़, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कदवासा के प्रभारी प्राचार्य नेमीचंद धाकड़, वरिष्ठ अध्यापक भुवानी,राम मेघवाल, लोकेश जोशी, जनपद प्रतिनिधि पत्रकार राजेश शर्मा मुख्य रूप से उपस्थित होकर मां शारदा के चित्र पर,दीप प्रज्वलित व माल्यार्पण कर कार्यक्रम की गई।
सभी अतिथियों का स्वागत सम्मान शाल, श्रीफल, साफा बांधकर शिक्षकों द्वारा किया गया।
इस अवसर पर सेवानिवृत्ति अध्यापिका श्रीमती सुमन जोशी ने कहा कि जीवन में सफल व कामयाब बनने के लिए अनुशासन व विनम्रता जरूरी है। शिक्षक को बाहर से नारियल के समान व अंदर से नरम व कोमल होना चाहिए जीवन में हमेशा आशावादी रहना चाहिए व अच्छे वह बड़े सपने देखकर उन्हें हासिल करने का सतत प्रयत्न करते रहे तो निश्चित एक दिन सफलता प्राप्त की जा सकती हैं। किसी भी कार्य के लिए उम्र नहीं देखी जाती है। हर व्यक्ति के जीवन में परेशानियां आती है। उससे घबराएं नहीं बल्कि मुकाबला करना सीखें अभ्यास व परिश्रम करने से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है। सुख-दुख परछाई के समान है। जो हमेशा साथ चलते हैं। इस अवसर पर सेवानिवृत अध्यापक बंसीलाल शर्मा ने अपने सद्भावना उद्बोधन ने कहा कि सभी शिक्षक साथियों का जो प्यार सम्मान व अपनापन मुझे मिला है। उसे मैं,ताउम्र नहीं भूल पाऊंगा जाने अनजाने में मुझसे कोई भूल व गलती हुई है। तो मैं क्षमा प्रार्थी हूं। इस अवसर पर वरिष्ठ अध्यापक शंकर गिरी रजनाती सिंगोली ने कहा कि शिक्षक का दायित्व है। कि उन्हें पढ़ाई के साथ जीवन जीने की कला व अच्छे संस्कार दें हमसे विदा ले रहे शिक्षकों ने जो अपनी सेवा शिक्षा विभाग को दी है। व यादगार रहेगी आपने हमेशा बच्चों को अनुशासन व विनम्रता का पाठ पढ़ाया है। व अच्छी शिक्षा व तालीम दी है। आपकी कमी वह रिक्तता हमेशा खलेगी लेकिन आपका बाकी का जीवन सुखमय व्यतीत करते हुए जीवन को धर्म आध्यात्मिक व सामाजिक क्षेत्र में लगाकर अपनी सेवाएं देते रहें।
इस अवसर पर सेवानिवृत अध्यापक श्री प्रभु लाल रेंगर ने कहा कि आपने शिक्षा क्षेत्र में जो अपना अमूल्य योगदान व सेवा दी है। उसे विद्यालय परिवार हमेशा याद रखेगा आपकी असमरणीय सेवा व सामंजस्य की भावना और आदर्श व अनुशासन याद रखा जाएगा सभी शिक्षक संगठित रहकर अपने अधिकारों वह हक की लड़ाई लड़े वह शिक्षकों को पुनः पुरानी पेंशन पद्धति लागू की जाए यह लड़ाई सरकार से हम सबको लड़नी पड़ेगी इस अवसर पर अध्यापक भूपेश शर्मा ने कहा कि शिक्षक बनना बहुत गौरव की बात है।
शिक्षक वह व्यक्ति होता है। जो समाज व देश को आगे बढ़ाने में अपना महत्वपूर्ण व अमूल्य योगदान देता है। सेवा निवृत्ति ले रहे शिक्षकों के अनुभव वह प्रेरणा से हम लाभान्वित हुए हैं। आपका बाकी का जीवन सुखमय व निरोगी मंगलमय गुजरे ऐसी हम ईश्वर से कामना करते हैं। इस अवसर पर शिक्षिका सुमन बिश्नोई ने कहा कि हमें आपकी कमी व रिक्त्तता हमेशा खुलेगी आपने हमें अनुशासन के साथ एक माता-पिता का मार्गदर्शन दिया है। जिसे हम कभी नहीं भूल पाएंगे इस अवसर पर जनपद प्रतिनिधि व पत्रकार राजेश शर्मा ने कहा कि दोनों शिक्षक साथियों ने पूरी निष्ठा व ईमानदारी से अपने कर्तव्य का निर्वहन किया है। आपका कर्तित्व व व्यक्तित्व उच्च कोटि का रहा है। दोनों सौम्य, सरल, सहज व मिलनसार शिक्षक रहे,अपने किताबी ज्ञान के अलावा जीवन के मूल्यों पर आधारित ज्ञान नैतिक शिक्षा व अच्छे संस्कार आचरण की शिक्षा बच्चों को दी है। शिक्षक व गुरु का पद भगवान के समतुल्य माना गया है। शिक्षक समाज का दिग्प्रदर्शक होता है। जैसा आईना समाज को दिखाता है। समाज वैसा ही बनता है। अच्छा शिक्षकों को की दोहरी जिम्मेदारी है। कि वह वर्तमान में संस्कृति धर्म संस्कारों व सभ्यता का पतन व हार्ष हो रहा है। अतः शिक्षक की किताबी ज्ञान के अलावा नैतिक शिक्षा पर ज्यादा ध्यान देकर आने वाली पीढ़ी को
संस्कारवान बनाने का प्रयास करें वरिष्ठ शिक्षक भुवानी राम मेघवाल द्वारा स्वागत भाषण दिया गया इस अवसर पर अध्यापक बाबूलाल छिपा मनोहर लाल वर्मा गोपाल शर्मा, सिद्धांत जोशी, श्यामलाल राठौर, राजेश बारिया आदि द्वारा श्रीमती सुमन जोशी व बंसीलाल शर्मा की असमरणीय सेवा के बारे में विस्तार से बताया व उनके उज्जवल भविष्य व बेदाग निष्कलंक सेवा का बखान तारीफ कि व बाकी का जीवन सुखमय निरोगी दीर्घायु होने की ईश्वर से कामना की कार्यक्रम का सफल संचालन अतिथि शिक्षक पंकज शर्मा द्वारा किया गया आभार अभिव्यक्ति संस्था प्राचार्य श्री शांतिलाल धाकड़ द्वारा की गई इस कार्यक्रम में वरिष्ठ अध्यापक सुंदरलाल धाकड़, आसाराम धाकड़, धर्मेंद्र जैन, देवीलाल धाकड़, अख्तर अली मंसूरी, जमनालाल धाकड़,नंदलाल वॉशरमेंन ,अशोक शर्मा, छितरमल धाकड़, श्रीमती वर्षा पीपलीवाल, परवीन बानो, श्रीमती किरण शर्मा, श्रीमती उमा शर्मा,आसाराम धाकड़, कमलेश लक्षकार मोहनलाल रेगर, शिवलाल रेगर, हेमराज धाकड़, लालू राम रेगर, आदि संकुल अंतर्गत आने वाले प्राथमिक माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में स्नेह भोज का आयोजन किया गया।