छोटी माता एवं रूबेला मुक्त नीमच के लिये सभी एकजुट होकर प्रयास करे-श्री गुरूप्रसाद
जिला पंचायत सीईओ ने की एम.आर.उन्नमूलन समीक्षा बैठक में दिए स्वास्थ्य अमले को निर्देश
नीमच – जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री गुरूप्रसाद ने स्वास्थ्य विभाग की एम.आर.उन्मूलन हेतु आयोजित समीक्षा बैठक में निर्देश दिए है,कि छोटी माता एवं रूबेला मुक्त नीमच के लिए सभी एकजुट होकर प्रयास करें विशेषकर स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला विशेष जांच अभियान चलाकर टीकाकरण कार्य सम्पन्न करें।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री गुरूप्रसाद ने बताया, कि शोध के अनुसार प्रति चौथे वर्ष खसरा एक माहमारी का रूप धारण करता है, इसी अनुमान के अनुसार वर्ष 2024 में खसरे का रोग के बढने की संभावना के चलते इसकी रोकथाम के लिये विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जाए। बच्चों को एम.आर.1 एवं एम.आर.2 के टीके अनिवार्य रूप से लगवाए। आशा कार्यकर्ता सटीक हेड काउंट सर्वे कर टीकाकरण से वंचित बच्चों की सूची तैयार कर ए.एन.एम. को उपलब्ध कराये तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ता सर्वे के आधार पर विशेष जांच अभियान के तहत टीकाकरण सत्र आयोजित करे। सत्र स्थल पर सभी कर्मचारी बच्चों को मोबिलाईज करने का काम करे। जिस गावं में 95 प्रतिशत से कम उपलब्धी है, वहॉ सेक्टर सुपरवाईजर सघन मानिटरींग का कार्य करे।
समीक्षा बैठक मे विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डॉ.रितेश बजाज ने बताया, कि खसरा रोग अभी भी जानलेवा घातक एवं तेजी से फैलने वाला रोग है तथा नीमच जिले के कुछ क्षैत्रों में भी इसका आउटब्रेक होने की सूचना प्राप्त हुई है, इसको देखते हुए इसके बचाव के लिये व्यापक प्रचार प्रसार किया जाना आवश्यक है। यह जानकारी देते हुए जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.बी.एल.सिसोदिया ने बताया, कि जिस प्रकार हमने टीकों के माध्यम से स्मालपाक्स, पोलियों, मातृ एंव शिशु टीटनेस बीमारी का अंत किया है, उसी प्रकार मीजल्स एवं रूबेला का भी अंत करेंगे। इसके लिये 9 माह से 5 वर्ष के प्रत्येक बच्चे को एम.आर.के 2 टीके देकर उनको इस बिमारी से बचाऐं। डॉ.सिसोदिया ने बताया, कि यदि स्कूल या आंगनवाडी में किसी बच्चें को दानेदार बुखार है, तो बच्चें को निगरानी मे रखे तथा इसकी सूचना संबन्धित ए.एन.एन.को अवश्य दें।
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