ग्राम मुवादा में श्रीमद भागवत कथा में भक्तो का हुजूम
भक्तो की रक्षा करने भगवान स्यंम चलकर आते है-भगवताचार्य श्री राजोरा जी महाराज
झांतला। बच्चों को धर्म का ज्ञान बचपन में दिया जाता है, वह जीवन भर उसका ही स्मरण करता है। ऐसे में बच्चों को धर्म व आध्यात्म का ज्ञान दिया जाना चाहिए। माता-पिता की सेवा व प्रेम के साथ समाज में रहने की प्रेरणा ही धर्म का मूल है। अच्छे संस्कारों के कारण ही ध्रुव जी को पांच वर्ष की आयु में भगवान का दर्शन प्राप्त हुआ। इसके साथ ही उन्हें 36 हजार वर्ष तक राज्य भोगने का वरदान प्राप्त हुआ था। ऐसी कई मिसालें हैं, जिससे सीख लेने की जरूरत है।
यह बात भगवताचार्य पंडित राजेश जी राजोरा महाराज ने बोली
वे मंगलवार को सिंगोली तहसील के ग्राम मुवादा स्थित चारभुजा धर्मशाला परिसर में सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिन वडी संख्या में श्रद्धालुओं को सम्बोधित कर रहे थे ।
श्री राजोरा ने कहा कि भक्त प्रह्लाद ने माता कयाधु के गर्भ में नारायण नाम का मंत्र सुना था। जिसके सुनने मात्र से भक्त प्रहलाद के कई कष्ट दूर हो गए थे ।
कथा का आगाज गुरु वंदना के साथ किया गया। इसके उपरांत उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की पावन लीलाओं का वर्णन किया गया ।
श्री राजोरा ने भक्त प्रह्लाद के अलावा धुर्व ओर वामन अवतार के प्रसंग का भी विस्तार से वर्णन किया साथ ही राम नाम की महिमा कर उन्होंने लोगो को धर्म के मार्ग पर चलने ओर प्रभु का नाम स्मरण करने के लिये प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि भक्त की रक्षा के लिये भगवान जरूर आते है । संसार मे रहना परिवार में रहना और व्यापार करना कोई गलत नही है । लेकिन इन सब मे भगवान को भूल जाना ठीक नही है।
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