वर्तमान में चारों और प्रदूषित पर्यावरण में विभिन्न रोगों से बचने की कोई औषधि दवा है तो वह है एकमात्र योग- योग गुरू बंशीलाल टांक
केशव नगर में सप्त दिवसीय निःशुल्क योग शिविर में अनेक साधक ले रहे है लाभ
मन्दसौर। वर्तमान में जहां एक तरफ ही नहीं चारों तरफ प्रदूषित पर्यावरण के कारण प्रमुख साधन फल-सब्जियां कोई भी शुद्ध विशुद्ध नहीं रहकर कोरोना जैसे वैश्विक विभिन्न रोग की गिरफ्त में आने के बाद वर्तमान में डायबिटिज, हृदय रोग (हार्ट अटैक), थायराइड, किडनी-केंसर, सर्दी जुकाम, खांसी, जोड़ों का दर्द, अस्थमा, बुखार आदि अनेक बीमारियों से परेशान हुए रोगियों की संख्या सरकारी और प्रायवेट अस्पतालों में कम होने के बदले दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। ऐसी विषम परिस्थिति में यदि लाइन में खड़े होकर अस्पतालों चक्कर काटने और रोगों से बचने की कोई कारगर पेटेंट अचूक औषधी दवा कोई है तो वह है एक मात्र भारत का आदि-अनादि काल से चला आ रहा हमारे परम् वैज्ञानिक रिषी महर्षियों का योग और आयुर्वेद जिसका चमत्कार कोरोना काल में सम्पूर्ण विश्व ने देखा है और आज सम्पूर्ण संसार में जहां देखों उसी योग का प्रचार प्रसार हो रहा है।
नगर के घण्टाघर के पीछे केशव नगर सरस्वती भवन में पतंजलि योग गुरू बंशीलाल टांक और आयुर्वेदाचार्य ब्रजमोहन सोनी द्वारा 25 मई से प्रतिदिन प्रातः ठीक 6.30 से 7.30 बजे तक निःशुल्क योग प्रशिक्षण शिविर लगाया जा रहा है जिसमें योग के अंतर्गत प्राणायाम आसन-व्यायाम के अतिरिक्त सरल घरेलू उपायों से किस प्रकार रोग मुक्त रह सकते है इसके संबंध में अच्छी प्रकार उपाय बताये जा रहे है। प्रतिदिन योग समापन के पश्चात् गैस एसीडीटी आदि से लीवर (पेट) को ठीक रखने के लिये प्रतिदिन औषधी काढ़ा भी पिलाया जा रहा है।
युवा अपने शरीर को किस प्रकार बलिष्ठ और मजबूत बना सके इसके लिये व्यायाम सूर्य नमस्कार, साधारण और कठिन बैठक दण्ड बैठक का अभ्यास कराया जा रहा है। बड़ी संख्या में सभी अवस्था के पुरूष वर्ग, माताएं बहने भाग ले रही है। 11 दिवसीय शिविर का समापन 4 जून को होगा इस शिविर का अधिक से अधिक संख्या में सम्मिलित होने के लिये संस्थान ने सबसे अनुरोध किया है।
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