विश्व गौरैया संरक्षण दिवस
बड़वाह की एक शिक्षिका ने खुद डिजाइन किए बर्ड होम 70 परिवारों को प्रदान कीए।
कभी आंगन में फुदकती तो कभी मुंडेर पर चहकाती कभी एक-एक दाने के लिए जुगत लगाती तो कभी फुर से उड़ जाती
छोटी सी गोरिया पक्षी (चिड़िया) हम सभी के बचपन का साथी रही है।
लेकिन इस छोटे से पक्षी की संख्या कम होने लगी है गौरैया पक्षीसंरक्षण के लिए पूरे विश्व में 20 मार्च को मनाया जाता है। लेकिन यह प्रयास न काफी है जब तक उसके संरक्षण के लिए आमजन मानस जागरूक न हो।
ऐसा नहीं है कि इसके लिए हमारे देश में इसके लिए जागरूक नागरिक नहीं है। ऐसा ही एक प्रयास खरगोन जिले के बड़वाह नगर निवासी पशु एवं पक्षी प्रेमी श्वेता विपुल केसरै ने किया है। वे लगभग 7 वर्षों से गौरैया संरक्षण के लिए प्रयास कर रही है।
उन्होंने अपने घर पर ही एक छोटा सा बर्ड हम बनाया है। जो पक्षियों की चरचाहट से गूंजता रहता है।
श्वेता ने बताया कि उनकी चाचाहट से उन्हें शांति मिलती है वह उनके भोजन पानी की व्यवस्था करती है।
उन्होंने अपने घर पर इस बर्ड होम को इस तरह परिवेश मेंबनाया है कि गौरैया को प्राकृतिक आवास लगे।
आप यह गोरिया श्वेता के परिवार की हिस्सा बन गई है। श्वेता ने गौरैया के लिए अपने घर पर ही नहीं बल्कि आसपास लोगों को भी बर्ड होम उपलब्ध कराया है ताकि पक्षी अपना घर बना सके और उनका संरक्षण हो सके। श्वेता का मानना है कि पक्षी पिंजरे में नहीं घर के आंगन में चक आते हुए अच्छे लगते हैं।
“उन्होंने बताया कि यह प्रेरणा मुझे गौरैया की पीड़ा को देखकर सूरु कीया अभियान”।
श्वेता ने बताया कि 7 साल पहले वह अपने घर पर किचन में काम कर रही थी तभी एक पक्षी छठ के पंखे से टकराकर नीचे गिरा।
उसके पंख टूट जाने से वह नहीं पा रहा था तो उस पक्षी को अन्न पानी दिया।
पक्षी जब स्वस्थ हो गया तो वह इधर-उधर घर में ही चहकने लगा। जिसे देखकर मन आनंद से भर गया बस क्या था उसी दिन से श्वेता ने अन्य पक्षियों के लिए भी अन्न पानी की व्यवस्था कर अभियान शुरू किया।
सबसे पहले उन्होंने घर में दिए एवं स्टील के बर्तनों से शुरुआत की।
इसके बाद बड़े-बड़े मिट्टी के सकोरे रखना शुरू कीए। आप उनके घर पक्षियों की संख्या बढ़ रही है लेकिन श्वेता कितनी भी व्यस्त क्यों ना हो पक्षियों के लिए दान पानी की व्यवस्था में समय निकाल ही लेती है इसके लिए वह अपने सिस्टम मित्रों रिश्तेदारों पड़ोसियों को भी प्रेरित करती रहती है।
“”खुद डिजाइन किया बर्ड होम एवं फ्री में70 परिवारों को पहुंचाया””।
श्वेता ने खुद लकड़ी से बर्ड होम तैयार किया। जो पक्षियों के लिए बड़े होने पर झूला भी तैयार किये।
आज उनके पास पक्षियों की संख्या अधिक होने पर और भी बर्ड होम तैयार करवाए हैं।
श्वेता सोशल मीडिया पर भी पक्षी संरक्षण के वीडियो डालती रहती हैं।
इससे प्रेरित होकर अनेक परिवारों ने भी पक्षी संरक्षण के लिए अभियान शुरू किया है।
मध्य प्रदेश के खरगोन जिले से मिश्रीलाल कोहरे