अग्रसेन नगर में देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह उत्सव मनाया
मन्दसौर। अग्रसेन नगर में महिलाओं ने देव उठनी एकादशी पर तुलसी विवाह करके उत्सव मनाया गया। प्रारंभ में तुलसी को श्री विग्रह के रूप में चित्रांकन किया गया दूल्हे के रूप में भगवान लड्डू गोपाल को श्रृंगारित कर जिस प्रकार प्रारंभ में दूल्हे का द्वार पर तोरण पर आने पर स्वागत सत्कार सम्मान किया जाता है उसी प्रकार भगवान का स्वागत सम्मान कर बेटी तुलसी के साथ गठबंधन किया गया। विधि विधान से पूजन अर्चन श्रृंगार किया गया आरती की गई और उपस्थित महिलाओं ने प्रसिद्ध विवाह गीत ‘‘आज मेरे श्याम की शादी है’’ के साथ बड़ी श्रद्धा से आनंद उत्साह व उल्लास में भरकर भक्ति नृत्य गायन करते हुए माता तुलसी और भगवान का विवाह उत्सव मनाया।
उल्लेखनीय है कि हिंदू सनातन परंपरा में जहां दिवाली के बाद देव उठनी एकादशी के दिन अधिकांश हिंदू परिवारों में विवाह शादी संपन्न कराई जाती है इसी प्रकार शादी होने के बाद जिस परिवार में पुत्र का जन्म तो होता है परंतु एक कन्या बेटी के बिना वह परिवार सूना रहता है और तब वह पुत्री के रूप में तुलसी को अपनी बेटी मानकर भगवान शालिग्राम के साथ बड़े धूमधाम से विवाह संपन्न कराया जाता है।
तुलसी को अपनी बेटी के रूप में ग्रहण कर बनकर परिवार अपने को धन्य धान्य समझने लगता है सनातन हिंदू धर्म की यही विशेषता है कि जिसे हम पौधे के रूप में सम्मान देते हैं उस तुलसी को पुत्री के रूप में और भगवान शालिग्राम की शीला को भगवान का रूप मानकर उन्हें पूजते ही नहीं बल्कि प्रत्यक्ष रूप में तुलसी को पुत्री बेटी और भगवान शालिग्राम को प्रत्यक्ष रूप से भगवान मानकर उत्सव का आनंद लेते हैं।