दस बीघा खेती वाले किसान से भी ज्‍यादा पशुपालन से कमा रहे है नीमच के पृथ्‍वी धाकड़

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सफलता की कहानी

दस बीघा खेती वाले किसान से भी ज्‍यादा पशुपालन से कमा रहे है नीमच के पृथ्‍वी धाकड़

दो गीर गायों से शुरू किया पशुपालन,आज 26 गौवंश का पालन कर,

आत्‍मनिर्भर बने लक्ष्‍मीपुरा के कृषक पृथ्‍वी धाकड़

नीमच जिले के जावद विकासखण्ड के लक्ष्मीपुरा अठाना निवासी कृषक पृथ्वी धाकड़ ने वर्ष 2019 में 90 हजार में दो गीर गाय खरीदी और एक समय का दूध बेचा व एक समय का घी बनाकर विक्रय किया और एक वर्ष में एक लाख 20 हजार का शुद्ध लाभ कमाया। गायों में एबीएस का सेक्स सोर्टेड सीमन लगवाया और बछियांएँ प्राप्त की। फिर दो गाय खरीदी और अगले वर्ष पुनः दो गाय ओर क्रय की तथा 37 हजार रूपये में भावनगर से एक गीर बुल खरीदा। समय बढ़ता गया, आयु बढ़ती गई और आज पृथ्वी के पास 13 दुधारू गीर गाय तथा 13 ही बछड़ियां है।

         पशुपालक पृथ्वी ने बताया, कि वो दूध और घी जैविक रीति से उत्‍पादित करते है अर्थात जो बरसीम, नेपीयर पैदा करते है, इसमें रासायनिक उर्वरकों का उपयोग नहीं करते है। वर्तमान में पशुपालक पृथ्‍वी धाकड़ प्रति वर्ष 6 से 7 लाख का दूध बेचते है, जो बॉटल पेकींग में नीमच शहर में 80 रूपये लीटर के भाव बिकता है। पृथ्वी अपने यहाँ उत्पादित शाम के दूध का घी बनाते है और उसे 1800 रूपये से 2000 रूपये प्रति किलो के भाव से मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र में बेचते है।

         पृथ्वी धाकड़ बताते है, कि मेरे पास एडवास में  आर्डर रहते है में पूर्ति नहीं कर पता हूँ।वे  पनीर बनाकर 560 रूपये प्रति किलो के भाव विक्रय कर रहे है।        पशुपालक पृथ्वी दूध, घी, और पनीर से ही नहीं बल्कि कैचुआ खाद व गौमूत्र से भी अच्‍छी  आय प्राप्‍त कर रहे है। जैविक खाद 1200 रूपये क्विंटल तथा गौमुत्र 10 रूपये लीटर में बेचते है। प्रतिवर्ष एक लाख तीस हजार की खाद तया 25 हजार का गौमूत्र बेचते है। पृथ्वी बताते है कि 23 लीटर दूध से एक किलो घी बनता है और गत वर्ष 75 किलो घी विक्रय किया। पृथ्वी पशु आहार में भूसा, हरी घास, गेहू चोकर, बीनोला खल तथा मण्डी की मिक्स चूरी पशु आहार में खिलाते है। पृथ्वी का कहना है कि मैं आज 10 बीघा खेती वाले किसान से ज्यादा कमाता हूँ और फसले भी जैविक पैदा कर रहा हूँ।

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