कैंसर होने से पहले दिखतें हैं ये लक्षण समय रहते पहचान लें. इलाज से बच जाएगी जान जिला चिकित्सालय में कैंसर पर जागरूकता सेमिनार का आयोजन
प्रतापगढ़। कैंसर एक ऐसी बीमारी बन चुकी है, जिसने दुनिया के हेल्थ सेक्टर को झकझोर कर रख दिया है। हर साल दुनियाभर में लाखों लोग इस खतरनाक बीमारी के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 4 फरवरी को वल्र्ड कैंसर डे मनाया जाता है। इस मुख्य उद्देश्य कैंसर से लोगों का बचाव और मौतों को कम करना है.यह बात जिला चिकित्सालय के पीएमओ डाॅ धीरज सेन ने जिला चिकित्सालय में आयोजित एक दिवसीय सेमिनार में कहीं। उन्होंने कहा कि अब यह बीमारी किसी खास आयुवर्ग की नहीं रही है, जवान बुजुर्ग और बच्चे सभी इसकी गिरफ्त में आ चुके है। उन्होंने कहा तमाम जागरूकता के बावजूद करीब 50 फीसदी मरीज अंतिम स्टेज पर ही आते हैं। लक्षण दिखने पर ही मरीज आ जाएं तो मर्ज ठीक हो जाता है। औसतन 20-25 फीसदी पूर्व रोगी स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। इस अवसर पर जिला चिकित्सालय के उपनियंत्रण अधिकारी डाॅ मनीष शर्मा ने कहा भी अपने व्याख्यान में जानकारी देते हुए कहा कि अब जांच के बाद कीमोथेरेपी-रेडियोथेरेपी और जरूरत पर ऑपरेशन भी होते हैं। मरीजों की काउंसिलिंग, उपचार, पौष्टिक आहार और मरीज की इच्छाशक्ति से बीमारी ठीक भी होने के प्रमाण भी मौजूद है। सेमिनार में दंत रोग विशेषज्ञ डाॅ पर्वत सिंह ने कहा कि तंबाकू, धूम्रपान समेत अन्य वजहों से कैंसर के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा मुताबिक मुंह के समूचे हिस्से और अंदरुनी हिस्से जैसे कि लिप्स, मसूड़ा, जीभ, गाल के अंदर, मुंह के अंदर का उपरी हिस्सा, जीभ के नीचे का भाग आदि हिस्सों में मुंह का कैंसर हो सकता है। उन्होंने कहा कि ओरल कैंसर में मरीज को कई बार कैंसर होने का अहसास और लक्षण अंतिम स्टेज में दिखता है। उन्होंने इसके लिए धूम्रपान और गुटखे जैसे हानिकारक तत्व और रसायन को इस्तेमाल नहीं करने की चेतावनी दी। कार्यक्रम में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डाॅ सौरभ जारौली ने महिलाओं में होने वाले कैंसर के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि महिलाओं कैंसर कई तरह का हो सकता है, जैसे कि स्तन कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा कैंसर, अंडाशय का कैंसर, योनि कैंसर, और त्वचा का कैंसर। उन्होंने कहा कि अनियमित दिनचर्या, मेडिकल हिस्ट्री और उम्र बढ़ने के साथ ही महिलाओं में कैंसर का खतरा बढ़ता जाता है। ऐसे में कैंसर का जल्दी पता चलने पर उसका इलाज सबसे ज््यादा असरदार होता है। कार्यक्रम में ईएनटी विशेषज्ञ डाॅ नरेश कुमावत ने कहा कि कैंसर की जांच के लिए बायोप्सी टेस्ट को सबसे ज्यादा कारगर माना जाता है। इस दौरान डॉक्टर हमारे शरीर की उन सेल्स में कुछ टिश्यूज निकालकर जांच के लिए भेजते हैं, जिसमें कैंसर के लक्षण दिख रहे होते हैं। यह टेस्ट कैंसर टिश्यूज और नॉन कैंसरस टिश्यूज में फर्क करती है। कार्यक्रम में सभी ने विशेषज्ञों ने अपनी राय देते हुए जनजागरूकता के स्तर को बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम करने की बात कहीं। कार्यक्रम में डाॅ दिलीप खटीक, डाॅ संदेश ऐरन, नर्सिंग अधीक्षक कंचन, नर्सिंग ऑफिसर, एचएम दीपक राव सहित नर्सिंग महाविद्यालय के छात्र छात्राएं मौजूद थे।
ब्यूरो चीफ अनिल जटिया
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