तेजाजी महाराज ने धर्म व वचनों के खातिर अपने प्राणो का बलिदान दिया।
बालकिशन धाकड़ गांव पांडू कुड़ी में पांच दिवसिय मारवाड़ी तेजाजी महाराज के खेल का आयोजन
झांतला। समीप़स्त गांव पांडूकुड़ी में वीर तेजाजी महाराज का पांच दिवसीय मारवाड़ी खेल का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें ग्राम वासियों द्वारा किसान नेता व जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष बालकिशन धाकड सिंगोली ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मनीष जैन जनपद प्रतिनिधि राजेश शर्मा झांतला को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष बालकिशन धाकड ने कहा कि परोपकार व दया की भावना के चलते तेजाजी महाराज ने जो वचन दिए उन वचनों को निभाने की खातिर तेजाजी महाराज ने अपने प्राणों का बलिदान दिया जिसे हम देवता के रूप में आज पूज रहे हैं। हमें भी मानव जीवन की सफलता के लिए ऐसे पुण्य काम करते रहना चाहिए। जरूरतमंदों दीन दुखियों की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है। अतः हम आपके दुख सुख में काम आ सके और हमारे लायक कोई सेवा का मौका हो तो हमें याद कीजिएगा हम आपके लिए तत्पर व तैयार रहेंगे। चुनाव में आपका प्यार वह आशीर्वाद मुझे दिया उसके लिए मैं आपका हृदय से आभारी हूं।
इस अवसर पर सिंगोली ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मनीष जैन ने कहा कि धर्म हमें सदमार्ग पर चलकर मानवता दया अहिंसा का पाठ सीखाते हैं। मानव जीवन अमूल्य है इसे व्यर्थ बेकार न कर सद कर्म परमार्थ व परोपकार मैं लगाकर इस जीवन को सार्थक बनाएं तभी हम इस खेल की सार्थकता मान पाएंगे तेजाजी महाराज का खेल भी हमें यह प्रेरणा देता है। कि जीवन अपने लिए ना जी कर दीन दुखियों व जरूरतमंद व्यक्तियों की सेवा सत्कार में लगाने का प्रयास करें ताकि आने वाली पीढ़ी हमें भी याद रख सके जो आपने हमें बुलाकर सम्मान दिया उसके लिए हम समस्त गांव वासियों के आभारी हैं।
इस अवसर पर जनपद प्रतिनिधि राजेश शर्मा झांतला ने कहा कि भारत देश तीज त्योहार व उत्सवों का देश है। यह वह सरजमी है। जहां भगवान ने अवतार लिए हैं। और कुछ लोग साधारण जीवन से अच्छे कर्म कर्तव्य वचन वह सद कर्म परोपकार किए जिन्हें आज उनको मानव समाज भगवान के रूप में पूजा कर रही है। वीर तेजाजी महाराज ने भी,परहित परोपकार व वचनों के खातिर ही अपने प्राणों का उत्सर्ग व बलिदान दिया था। हमें भी जीवन में अपने वचनों पर अटल रहना चाहिए तभी हम इस मानव जीवन को सार्थक बना पाएंगे।
इस कार्यक्रम में कमलेश योगी, कालू नाथ, विनोद नाथ, शंकर लाल भील, गोपाल लाल भील, रमेशचंद्र भील, मोहनलाल भील, प्रभु लाल नाथ, छितरमल धाकड़, कैलाश धाकड़, चुन्नीलाल भील, बद्रीनाथ, फोरू दास बैरागी आदि समिति सदस्यों का पूर्ण सहयोग रहा। पांडूकुड़ी सहित आसपास के गांव के लोगों ने ठंड में भी देर रात तक खेल का आनंद लिया।
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